आहार का प्रत्यशीकरन = जब हम किसी रेसिपी की बात कहते है तो हमे उसका स्वाद की बात करते है ,हमे वो सभी खाने वाले तथा बनाने वाले याद आते , उनके जहा जहा बनती वो स्थान याद आते ,उसका आकर प्रकार बनावट इस प्रकार से हम उस आहर से एकीकरण प्रक्रिया से जुड़े होते है और हम खाते खाते नही थकते ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,इस एकीकरण की प्रक्रिया से हमारा जुड़ाव आहार दोषों का ग्रहण करता रहता है .......................................................................................................................जय श्री कृष्ण
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
नैदानिक चिकित्सा के बारे में.अब भारतीयों को आसानी से सुलभ ऑनलाइन चिकित्सा शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पेशेवरों की यह स्वास्थ्य उपचार का उपयोग किया जा सकेगा जो कई रोगियों से समर्थन प्राप्त हुआ है..गोपनीय ऑनलाइन परामर्श --
आपको हमारा परामर्श गोपनीयता की गारंटी है.हमारा ब्लॉग्स्पॉट, विश्वसनीय, सुरक्षित, और निजी है.