सोमवार, 2 जनवरी 2012

योग

योग = किसी दो तत्वों या संख्या के मिलने को अथवा एक दूसरे मिलने को योग कहा जाता, मन और तन  का मिलना, मन का विचारों से मिलना, हाथ से हाथ का मिलना तथा दो प्राणी का आपस में मिलना योग कहलाता है .....इस संसार में मनुष्य ही अपने विचारों से अपना शत्रु और अपना मित्र होता है, संस्कार अपनी उपज या दूसरों से प्रेरणा दृआरा से पाता है, खाना और बोलना इस का संतुलन ज़ुबान [ जीभ ] से होता जो बहुत ही घोड़ों के वेग से दौड़ती .............जय श्री राम 

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