मंगलवार, 10 जनवरी 2012

जीवन शैली

आधुनिक जीवन शैली ने मनुष्य को आलसी बना दिया, आज का मनुष्य पूर्ण रूप से मनुष्यों मे प्रतिस्पर्धा के कारण अपने वैभव शाली जीवन जीने को जैसे कोई बाध्यात्मक मानता हो अपनी विपुल सम्पदा को बाहरी कंम्पनियों के प्रचारंण के आदेश हेतु आग्याकारी होकर मशीनों से काम लेकर अपने दैनिक काम काज हाथों से नही करके अपनी बीमारियों को आमन्त्रण देता नजर आ रहा है और तनावों को बढ़ावा दे रहा है. पहले  के जमाने मे सभी मिल जुल कर या अपनी योग्यतानुसार खुद  ही काम  कर लेते
[१] अपने शरीर में आक्सीकरण [ शरीर में रक्त का ऑक्सीजन सुचारु रूप ] के लिए अपनी यथाशक्ति सुबह का भ्रमण या शाम का भ्रमण अवश्य करे जिससे  शरीर व  दिमाग स्वस्थ रहे तथा तनाव भी कम हो.       

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