रविवार, 22 जनवरी 2012

प्रकृति

 प्रकृति, तासीर - नेचर, मानव की एक प्रकृति होती है जिस तरह टमाटर में खट्टापन, करेला में खारापन, आवला में केसेलापन वैसे ही मानव में भी कफ, पित, वायु के साथ ठंडा या गर्म मिज़ाज का होना पाया जाता, वाचाल प्रकृति, मोन प्रकृति इस प्रकार से जांच के बाद ही सही उपचार किया जाता है,

भारतीय चिकित्सा पद्धति में मुख्य आयाम भी मानव जीवन की मानसिक और शारीरिक प्रकृति की जांच के बाद नैदानिक चिकित्सा से रोग से पूर्ण मुक्ति मिलती हैं.

इस प्रकार की जाँच को नाडी परीक्षण का करना जरूरी होता जिससे बढ़े कफ, पित और वायु के प्रकोप से वर्तमान में शरीर की प्रकृति का पता चल जाता हैं.

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