गुरुवार, 16 फ़रवरी 2012

DIET MOTIVATION

स्वतंत्रता =  कितना बड़ा भ्रम पाले आज की युवा शक्ति गुमराह के साथ गुलाम होती जा रही है ,विकास के बात करने वाला युवा विकसित बीमारियों को साथ साथ लिए  घूम रहा है , माता का दूध पिने  वाला बालको को धर का उत्तम आहार की बजाय आज जो कम्पनिया कहती उसका कहना मानना जरूरी समज कर  बाजारू उत्पाद खिलाना पिलाना शान समजते ...............मगर यह तो पराधीनता है ,नाना प्रकार के प्रलोभन हर बार नये नये फ्लेवर  नया स्वाद नया आकर्षक  पेकिंग का , इस प्रकार  युवा एक अपने  को बाध्यकारी समज कर खरीद करता फिर गुणवता की सच्चाई तो जानने बरसों बीत जायेगे .....................................................................

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