राग बुढ़ापा = जवानी में गलत धारण -पोषण, के कारण आज का भरन -पोषण लगातार अति पोषण से पक्षाघात से झुंझ रहे ,जो बड़ा दुखदाई लगता और कोरी दुहाई और रिहाई की माला जपते वो आज खाने पिने के मोहताज ने नही सोचा की समय करवट ले सकता है, रुकिए अब तो परिवार के सदस्यों का दायत्व बनता की उन को प्राणिज वसा को नही दे,अत्यधिक कारबोहाईड्रेड ,शीतल,कफ कारक ,खट्टे ,बासी, और वनस्पति वसा ऐसा करे -प्राणायाम ,प्रातः भ्रमण ,नियमित व्यायाम ,नई धारणा विकसित पोषित करे ,पोषक तथा सुपाचक आहार दे / ले ,,,
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