बीमारी आमन्त्रण = [ १ ] आहार का स्वतन्त्रं अवस्था में चुनाव मानव जिस समय खाना खाते उस समय मन में जो भी आता वही भोजन करने पर उतारू हो जाते है, नफा - नुकसान के बारे में नही विचार करके तय शुदा विचारो का गुण गान के स्वाद में आदमी भर पेट भोजन कर जाता है , [ २ ] प्रेरणा वशीभूत अवस्था मानव जब कभी अवसरवाद के कारण प्रेरणा के वशीभूत जैसा जो मिलता उस भोजन को दम-दमन की जो स्थति अनुकूल बनते ही उस भोजन को प्राप्त करने की पूरी कोशिश करता है, और मनोवृति अपने माता पिता या दोस्त से जो आहार ग्रहण करना सिखा उसी को स्थान्तरण अपने अनुजो को प्रदान करता है [ ३ ] प्रतिरोध की अवस्था शर्मनाक एवं चिंता उत्पन्न करने वाले आहार की बात आती तो वह भोजन करने वाला उसकी जगह पर शरीर में उन आहारो के प्रति उसकी जगह बनावटी पोष्टिक आहार की बात करने लगता है ...
AAYURVED, MODREN, NUTRITION DIET & PSYCOLOGY गोपनीय ऑनलाइन परामर्श -- आपको हमारा परामर्श गोपनीयता की गारंटी है. हमारा ब्लॉग्स्पॉट, विश्वसनीय, सुरक्षित, और निजी है. एक उर्जावान, दोस्ताना, पेशेवर वातावरण में भौतिक चिकित्सा के लिए सर्वोत्तम संभव कार्यक्रम प्रदान करना है.
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
नैदानिक चिकित्सा के बारे में.अब भारतीयों को आसानी से सुलभ ऑनलाइन चिकित्सा शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पेशेवरों की यह स्वास्थ्य उपचार का उपयोग किया जा सकेगा जो कई रोगियों से समर्थन प्राप्त हुआ है..गोपनीय ऑनलाइन परामर्श --
आपको हमारा परामर्श गोपनीयता की गारंटी है.हमारा ब्लॉग्स्पॉट, विश्वसनीय, सुरक्षित, और निजी है.