बुधवार, 21 मार्च 2012

acidify food

भोजन  की  अम्लता  = भोजन में कई प्रकार के अम्ल मौजूद होते है ,जिनमें निम्न जो प्राकतिक खाध्य  पदार्थ में पाए जाते है ,शरीर दुआर प्रयुक्त  किये जाते [१]  सिट्रिक   [२]  मेलिक और [३] तत्रेरिक अम्ल .शरीर में पैदा होनेवाले अन्य अम्ल दुसरे अम्ल हानिकारक होते है और शरीर इन को उपयोग  नही करते ,ये अम्ल आक्जेलिक ,बेन्जोइन ,ब्युतिरिक और यूरिक अम्ल और एक जो लैक्टिक नाम का अम्ल होता यह मानव शरीर है रक्षात्मक कम करता जो सिट्रिक अम्ल निम्बू ,संतरा ,चकोतरा अनार ,टमाटर मुली व् अन्य दूसरी सब्जियों में भी पाया जाता  मैलिक अम्ल सेव ,मटर ,अंगूर ,टमाटर में भी पाया जाता ,तात्रिक अम्ल अंगूर और थोड़ी मात्र में अनन्नास में भी पाया जाता है .असितिक अम्ल सिरके और सोयासस में पाया जाता तथा पाचन क्रिया के दौरान हानिकारक होता है .आक्जेलिक अम्ल जो पालक रेव्द्चिनी ,कोको, चाय और काली मिर्च में पाया जाता ,उन मनुष्यों के लिए खराब होता है जिनके शरीर में उरिक अम्ल का सता उचा होता है ,इस के कारण जोदौ का [गाउट  ]दर्द कई बीमारी होती है.बेन्जीन अम्ल आलूबुखारा और बेर में पाया जाता उरिक अम्ल की अधिकता ,पित्ताश्मरी  के रोगियों को इन अम्लो से मिला भोजन नही करना  चाहिए ,बेन्जोइक अम्ल डिब्बा बंद फ्लो ,सेव का रस सिरका और चटनियो में प्रति रक्षात्मक के रूप में उपयोग लिया जाता है .यूरिक अम्ल शरीर के अपशिस्ट उत्पादों से एक उत्पन्न होता जो मासहारियो  में ज्यादा  मात्रा में पैदा होता है ,पालक, फलिया ,फुलगोबी , मटर  में भी  प्युरिन मिलते  है जो यूरिक पैदा जिन से होता ऐसे वात और जोड़ो के दर्द वालो को मूत्राशय में पथरी बनती हो तो उपरोक्त सब्जिया नही खानी चाहिए ..  

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