रविवार, 25 मार्च 2012

DIABETES DIET CARE

  1. मधुमेह आहार व्यवस्था = मधुमेह में नैदानिक आहार व्यवस्था भारतीय भौगोलिक स्थति को ध्यान में रख कर लिखा जा रहा है कारण बताना जरूरी है की ब्लॉग को पूर्ण विश्व समुदाय पढ़ता जिसमे उष्णकटीबंद जलवायु जैसे अरब, अफ्रीका तथा शीतकटीबंद जलवायु सोवित रूस तथा यूरोप में भिन्नता पाई जाती जिस प्रकार से दही छाछ उष्ण जलवायु में सकारात्मक कार्य करेगी ठीक इस के उल्टवार ठंडे जलवायु के प्रदेश में नकारात्मक प्रभाव [ सर्दी जुखाम ] पैदा करेगी.        भोजन मधुमेह के रोगी अग्नाशय शर्करा सामान्य स्तर पर बनाये रखने जो इंसुलिन की मात्र आवश्यक हो और इस में दोषपूर्ण जो कार्यशैली हो उनको ठीक किया जा सके यह ध्यान रखना जरूरी होता है ताकि शर्करा का सामान्य स्तर बना रहे .  * मधुमेह के रोगी को भोजन में ६० से 70 प्रतिशत कार्बोहैद्रेड विशेष रूप से कोम्प्लेक्स कार्बोहैद्रेड ,१५-२० प्रतिशत वसा और १५-२० प्रोटीन .* वसा का उपयोग सिमित कर देनी चाहिए सैचुरेटेड वसा के बदले पोलीअन्सेचुरेटेड वसा अम्लो को प्राथमिकता देनी चाहिए . * फाइबर वाला आहार अधिक मात्रा में हो . * शाकाहारी हो या माँसाहारी प्रोटीन की अधिक्तावाले आहारो को सिमित सेवन करे .* दुघ का सेवन सिमित मात्रा में . * छाछ ,और दूध का सेवन तथा इन से बना भोजन अधिक मात्रा में करे . * मेवे कम मात्रा में ले . *हरी पत्तोवाली जिस  में फायबर ज्यादा हो वो ले . * चाय, कोफ़ी, ठंडा, सरबत, जेम, जेली आइसक्रीम,मीठा भोजन बिलकुल बंद करदे . * इस प्रकार बाजारू आहार उत्पाद जासे परखे बिना काम में नही ले .

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