शनिवार, 24 मार्च 2012

Heart diet

ह्रदयरोग और आहार =  ह्रदय रोग में आहार व्यवस्था भोगोलिक स्थति ,रोगी की उम्र तथा पाचन क्रिया का संचालन ,भोजन का व्याप्तिकर्ण , मल मूत्र का निष्कासन के साथ मानसिक संतुलन का अध्यन जरूरी तो होता ही है ,इसमें अगर भारतीय परम्परा के अनुसार कफ ,पित ,वात के मध्य नजर पोषण आहार निदान किया जाए तो अच्छी सफलता मिल सकती है .उच्च रक्त दाब  तथा निम्न रक्त दाब दोनों ही एक दुसरे के विपरीत अवस्था होती है जिस में नैदानिक आहार चिकित्सा का सँचालन आवश्यक होता है ...    

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