शनिवार, 26 मई 2012

पोस्ट शीर्षक आज कल ज्यो ज्यो बाजारों का बना भोजन करते उनको नई नई बीमारियों का मुकाबला करना पड़ता है

    आज कल ज्यो ज्यो बाजारों का बना भोजन करते उनको नई नई बीमारियों का मुकाबला करना पड़ता है ,कारण की प्रायोजित पर्यायवरण का अपने उपर असर उन बातों को मानने और उन को लागु करने में स्वय की  ही निर्णायक भूमिका रही है .की अपना पड़ोसी ,दुकानदार ,मित्र या आहार उत्पादक के बातों को इस प्रकार मानना की उन के ही आज्ञाकारी आप होते है, जब की आप स्वतंत्रता का जामा पहने उन खाने पीनी को बनाई  गलत आदतों को रोकने में समर्थ थे, फिर भी आप असमर्थ रहे. और आज अपनी आधुनिक जीवनशैली की आदत को दोषी करार दे दिया .और कब्ज ,अम्ल पित व् कफ की बीमारी के साथ ह्रदय रोग ,मधुमेह ,मोटापा जैसी बीमारियों का के निदान के लिए आहार विशेषग्य के तलाश या परामर्श की आवश्यकता समझ कर उन का ही कहना मान कर भी बाजारू उत्पादों को ही खाने का मानस बना रहे हो तो रुकिए हम आप को घरेलू उन पूरक आहारो [ भोजनो ] को खाने में बतायेगे की भारतीय वो पूरक भोजन अपने घर में खा पि सकते है और आधुनिक जीवनशैली की बीमारियों से बच सकते है ... 

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