Acquired Immune Deficiency Syndrome = AIDS यानि एड्स जो व्यक्ति को रोग प्रतिरोध क्षमता को कमजोर कर देती हैं, जिससे अर्जित रोग के लक्षण स्वभाविक क्षमता कमजोर हो जाती है, और जिससे निर्बलता आ जाती है. प्रतिरोध क्षमता कमजोर होने से रोगों की तीव्रता हो जाती है.
Human Immuno-deficiency Virus = HIV यानि एड्स का संक्रमण का विषाणु मानव शरीर में यौन सम्बन्ध स्थापित होता है , किसी एक पक्ष में यह बीमारी होने से दूसरे व्यक्ति में प्रवेश करती है,
एच. आई. वी / एड्स आज वैज्ञानिक युग में एक नई चुनौती समस्या पैदा हुई हैं. एड्स का पता लगना मतलब एक गहरी प्रमाणिक मृत्यु दंड की सजा का आदेश प्राप्त हो गया हैं,
वर्तमान में इस बीमारी के कारण पीड़ित रोगी व्यक्ति को लज्जा, मानसिक भय, समाज में तानाकशी के कारण आर्थिक स्थिति से संकट में गुजरना पड़ता है. परिवार, मित्र, सगे-सम्बन्धी से झूठे आरोपों से भयभीत होना पड़ता हैं. रोगी के साथ मानसिक पीड़ादायक विचार हमेशा सताते रहते हैं. समाज में उपेषित भाव से देखा जाता हैं. जिसके कारण रोगी व्यक्ति अत्यधिक आत्मग्लानि महसूस करता है, आजीविका कार्य स्थल पर हेय नजर से देखा जाता हैं. इस प्रकार से पापबोध के कारण आत्म हीनता पैदा होती हैं. जिसके कारण जीवन जीने के लिए आत्म क्षमता कमजोर हो जाती है और व्यक्ति उदास रहता है. इसलिए इन व्यक्तियों को मानसिक, शारीरिक, सामाजिक और आर्थिक आघात से बचने के लिए यथा योग्य परामर्शदाता से परामर्श लेना चाहिए.
नोट- इस बीमारी में रोगी का वजन लगातार गिरता रहता है, यदि कोई रोगी अपने वजन को नियंत्रण में रखना चाहते है तो हम उस व्यक्ति की गोपनीयता रखते हुए वजन बढाने के लिए पूरक आहार देते है जो पीड़ित रोगी व्यक्ति हमसे व्यक्तिगत सम्पर्क कर सकते है. गिरता वजन रुकना और खोया हुआ वजन बढ़ने के बाद ही हमे अपना शुल्क देन, अर्थात वजन बढने के बाद शुल्क [ रुपया ] दे.
09829085951
Human Immuno-deficiency Virus = HIV यानि एड्स का संक्रमण का विषाणु मानव शरीर में यौन सम्बन्ध स्थापित होता है , किसी एक पक्ष में यह बीमारी होने से दूसरे व्यक्ति में प्रवेश करती है,
एच. आई. वी / एड्स आज वैज्ञानिक युग में एक नई चुनौती समस्या पैदा हुई हैं. एड्स का पता लगना मतलब एक गहरी प्रमाणिक मृत्यु दंड की सजा का आदेश प्राप्त हो गया हैं,
वर्तमान में इस बीमारी के कारण पीड़ित रोगी व्यक्ति को लज्जा, मानसिक भय, समाज में तानाकशी के कारण आर्थिक स्थिति से संकट में गुजरना पड़ता है. परिवार, मित्र, सगे-सम्बन्धी से झूठे आरोपों से भयभीत होना पड़ता हैं. रोगी के साथ मानसिक पीड़ादायक विचार हमेशा सताते रहते हैं. समाज में उपेषित भाव से देखा जाता हैं. जिसके कारण रोगी व्यक्ति अत्यधिक आत्मग्लानि महसूस करता है, आजीविका कार्य स्थल पर हेय नजर से देखा जाता हैं. इस प्रकार से पापबोध के कारण आत्म हीनता पैदा होती हैं. जिसके कारण जीवन जीने के लिए आत्म क्षमता कमजोर हो जाती है और व्यक्ति उदास रहता है. इसलिए इन व्यक्तियों को मानसिक, शारीरिक, सामाजिक और आर्थिक आघात से बचने के लिए यथा योग्य परामर्शदाता से परामर्श लेना चाहिए.
नोट- इस बीमारी में रोगी का वजन लगातार गिरता रहता है, यदि कोई रोगी अपने वजन को नियंत्रण में रखना चाहते है तो हम उस व्यक्ति की गोपनीयता रखते हुए वजन बढाने के लिए पूरक आहार देते है जो पीड़ित रोगी व्यक्ति हमसे व्यक्तिगत सम्पर्क कर सकते है. गिरता वजन रुकना और खोया हुआ वजन बढ़ने के बाद ही हमे अपना शुल्क देन, अर्थात वजन बढने के बाद शुल्क [ रुपया ] दे.
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
नैदानिक चिकित्सा के बारे में.अब भारतीयों को आसानी से सुलभ ऑनलाइन चिकित्सा शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पेशेवरों की यह स्वास्थ्य उपचार का उपयोग किया जा सकेगा जो कई रोगियों से समर्थन प्राप्त हुआ है..गोपनीय ऑनलाइन परामर्श --
आपको हमारा परामर्श गोपनीयता की गारंटी है.हमारा ब्लॉग्स्पॉट, विश्वसनीय, सुरक्षित, और निजी है.