निम्न रक्तचाप –
निम्न रक्तचाप ह्रदय
से वह दवाब जिससे धमनियों और नसों में रक्त का कमजोर प्रवाह होने के लक्षण दिखाई
देते हैं. जब रुधिर का का प्रवाह काफी कम होता है तो मस्तिष्क, ह्रदय तथा गुर्दों
जैसे महत्वपूर्ण इन्द्रियों से शरीर में आंक्सीजन और पौष्टिक पदार्थ नहीं पहुंच
पाते हैं, जिससे इन्द्रिया अपना कार्य सामान्य रूप से कम नहीं करती एवं बीमार में स्थाई
रूप से काम नहीं कर पाती हैं,
निम्न रक्तचाप के
बाहरी लक्षण -
अपचन, सांस की
तकलीफ़ सीने में दर्द, अनियमित दिल की धड़कन, गंभीर ऊपरी पीठ दर्द, अकड़ी गर्दन, कफ
के साथ खांसी, सिर दर्द, थकान, अस्थिर विचार,
निम्न रक्तचाप कारण
चक्कर आना, मिलती, उबासी, बैठने के बाद खड़े होने पर चक्कर, आखोँ में अंधेरा,
कभीकभार बेहोश हो के गिर जाना, किसी किसी को शरीर को पर्याप्त रक्तचाप के कारण
धमनी में रक्त की आपूर्ति नहीं हो पाती है, तो व्यक्ति के सीने में दर्द या दिल का
दौरा पड जाता हैं. जब रक्त की विचरण गति
कमजोर होती हैं तो गुर्दों तो रक्त पर्याप्त पहुँच नहीं पाता जिसमें गुर्दों में
अपशिष्ट निकल नहीं पाते हैं जैसे यूरिया और क्रिटनीन. यूरिया और क्रिटनीन बढने से
रक्त में विकार बढ़ जाते है. शरीर पर खुस्की, पसीना कम आना.
आघात
निम्न रक्तचाप की
स्थिति में गुर्दे, हृदय, फेफड़े तथा मस्तिष्क
तेजी से खराब होने लगते हैं. इस स्थिति से जिससे जीवन को खतरा हो सकता है.उपचार -- समय मिलने पर लिखेंगे !
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