शुक्रवार, 8 जुलाई 2016

मधुमेह तनाव

तनाव हमारे दैनिक जीवन में  एक बहुत ही सामान्य प्रक्रिया है, यह एक तनाव एक समस्या है या विकार यह हमारे शारीरिक को और मानसिक को प्रभावित करता है जब ये उत्पन्न हो जाता है.
तनाव शारीरिक मापदंडों जैसे अनसुलझे मुद्दे, बुरा रिश्ता, आंतरिक दर्द, मृत्यु  भय, डर चिंता, घर में अपने प्रभाव का नहीं होना के कारण होता है.
एक मधुमेह के रोगी के लोगों में, तनाव पर ध्यान दिए बिना मधुमेह रोगियों में यह चिंता और अवसाद की वृद्धि दर के लिए अग्रसर तनाव का एक प्रमुख कारण होने से होता है, फिर यह उच्च रक्त शर्करा के स्तर की ओर बढ़ जाता है.
तनाव कैसे बीमार के जीवन को प्रभावित करता है ?
जब हमारे शरीर को तनाव का अनुभव होता है, तब वह एक प्रकार से हमला होता हैं, इसका रोगी और भोगी ध्यान नहीं होता या नहीं देता हैं, जब ध्यान की अनूस्थिति या अनूउपस्थिति में शारीरिक हमला करने से गुप्त उच्च रक्त शर्करा बढ़ जाती हैं, और ईन्सुलिन की कमी पड़ जाती हैं.
जब रक्त ग्लूकोज अधिक बढ़ जाता है, तो पर्याप्त इसके लिए इन्सुलिन नहीं होता जिस कारण से रक्त ग्लूकोज स्थानातरण अन्य कोशिकाओं तक नहीं हो पता है.
तनाव की लंबी अवधि में रोगी  का दिमाग एक चुनौती देता है, की अधिक इन्सुलिन पैदा करना, जब ईन्सुलिन पर्याप्त उत्पन्न नहीं होता है तो इस विफलता के कारण रक्त शर्करा का स्तर बढ़ जाता हैं. अथवा अन्य बीमारियों की चुनौतियों में विफलता मिलती है तो भी रक्त शर्करा बढ़ जाती हैं.
नैदानिक उपाय
ऐसे बहुत तरीके के उपाय हैं जिसमें आप योग की तरह विश्राम उपायों की तरह तनाव को कम कर सकते हैं, प्रणायाम से ध्यान कर आप सकारात्मक जीवन शैली को परिवर्तन करके अपने आनंद के स्तर पर आप आध्यात्मिक शांति को पूरा करने में वृद्धि कर सकते हैं. एवं आप तनाव के पीछे छिपे अन्य कारण की पहचान और सुधारने  में आप स्वंय साधक हो सकते हैं. इस प्रकार आप 30-35 प्रतिशत चिंता को कम करके रक्त शर्करा को कम कर सकते हैं.


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