बाध्यात्मक आहार = बाध्यात्मक आहार आदतजन्य विद्रोही तथा रोगी किस्म के मानव को लगता की ये आहार , खाने से मेरा स्वास्थ्य ठीक या अच्छा हो जायेगा और वो भोजन करता जिस का प्रतिबन्ध उन को करना होता है , सामाजिक मान्यताओ तथा आधुनिक अनुसन्धानो या खोजो के अच्छे आहारो को दर किनार कर दिया जाता है, क्योकि किसी स्वाद, सुगंध गलत प्रेरणाओ के कारण जो उस आहार का सेवन बाध्यात्मक के कारण करता व्यक्ति को लगता की अब तो ठीक हो ही जाऊंगा .नैतिक जवाबदारी वाला व्यक्ति भी उत्तेजनाओ से पीड़ित होता है .इन को अहंकार होता की मे ये खरीद सकता हु .और मुझे को शिक्षा या सलाह देने वाला होता कौन ,बाध्यात्मक आहार आदतजन्य स्वास्थ्य ठीक होने के भ्रम के सपनों को पालते है , अक्षर वे लोग अपनी भलाई के स्वास्थ्य के काल्पनिक बाग या किले बनाया करते और हर बार यही सपने देखते की अब की बार अच्छा स्वास्थ्य जरुर होगा, और इन में एक प्रकार से विद्रोही भावना होती है .दूसरा कारण ये भी होता की सिखा हुआ आचरण छोड़ना नही चाहता .
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