दन्त = आपका की यह मुस्कान में बिजली सी चमक यानि मोती जैसे उज्ज्वल दात से आपके चेहरे की शोभा दुगनी कर देता है और यही दांत अगर खराब हो तो आपके चेहरे पर मायूसी ला देते है .दांतों के खराब होने में आहार [ भोजन ] की भूमिका महत्वपूर्ण होती है .और आप के दात खराब नही है तो कोई बात नही मगर आप के दांत खराब है तो , अब आप को पत्ता चले, तब तक देर हो चुकी होती है .अगर आप के दांत खराब है, और आप की ओलाद [ पुत्र व् पुत्री ] के दांत [ दंत ] खराब नही हो, इस के लिए आप को अपने बच्चो को समझ उत्पन्न करनी होगी की बेटा मीठा खाने से मुंह में दांत [ दंत ] तथा पेट में आत खराब होती है .विशेष करके चबाने वाले भोजन [ खुराक ] जैसे खजूर ,चाकलेट या गन्ना से दात [ दंत ] खराब होते, कारण की इन के रेशा या कण दातो के बीच में फस जाते जो सडन उत्पन्न करते है .इस लिए खाने के बाद दातुन करना चाहिए .अगर दातुन नही करोगे तो दात [ दंत ] गिर जायेंगे तो चबाने वाले भोजन कैसे करोगे ,दूसरी महत्वपूर्ण बात बच्चा अगर अपना अंगूठा चूसता है , तो भी दात देरी से भी आ सकते व् टेड़े मेढे कुरूप भी उग सकते है , और आँखों के निचे काला घेरा पड सकता है कारण की इस अंगूठा चूसने से पाचन क्रिया कमजोर पडती है .
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