मानव प्रकति = प्रत्येक मानव की प्रकति अलग अलग होती है और जीवन जीने की पद्धति भी प्रत्येक की भिन्न भिन्न होने के कारण खान-पान ,विहार व् मोसम पसंद - नापसंद भी अलग होने के कारण उस के भोजन से लाभ किसी को ज्यादा,तो किसी को कम , किसी को जल्दी ,किसी को धीरे धीरे होता है , परन्तु असर अवश्य होता है .फिर भी उन में अपनी पाचन शक्ति का सामर्थ्य का अध्यन करना होता की भोजन करने के बाद कफ ,पित तथा वात निर्माण कितना होगा .................................................
AAYURVED, MODREN, NUTRITION DIET & PSYCOLOGY गोपनीय ऑनलाइन परामर्श -- आपको हमारा परामर्श गोपनीयता की गारंटी है. हमारा ब्लॉग्स्पॉट, विश्वसनीय, सुरक्षित, और निजी है. एक उर्जावान, दोस्ताना, पेशेवर वातावरण में भौतिक चिकित्सा के लिए सर्वोत्तम संभव कार्यक्रम प्रदान करना है. "डॉ. रघुनाथ सिंह राणावत: OCD, HOCD और यौन संबंधी समस्याओं के लिए CBT/ERP विशेषज्ञ।"
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