मधुमेह में गुर्दों का अवरोधं = आज का मानव अपने जीवन में जाने अनजाने में इस डाईबिटिज की बीमारी को जीवन साथी के तौर दोस्ताना व्यवहार का उस दौरान, मान न मान मे तेरा मेहमान की तरह यह बीमारी गले पड़ जाती है ,और कष्टदायक जीवन शुरू हो जाता है, आज प्रतिस्पर्धा जो व्यवसाय में देखि जाती उस की भागीदारी में रोगी, डाक्टर और दवा उत्पादकों में एक सयुक्त ( नेट वर्क ) के नजर से देखा जा सकता है . बीमार को अपने जीवन के प्रति डाक्टर की सहानुभूति में एक रोगी की समानुभूति दिखती परन्तु वास्तविकता तो भ्रम का पर्दा डाले उन कम्पनियों के उत्पाद को निरंतर आय स्रोत्र के वर्दी विकास की व्यवस्था में सहायता करती नजर आती है,.मरीज़ को आवश्यकता इलाज की होती ,दवाई बनाने वाली कम्पनी की आवश्यकता ज्यादा से ज्यादा अपने उत्पाद से कैसे कमाया जाये का ही ध्यानाकर्ष्ण रहता है की जिस के लिए कमिशन का लालच डाक्टर को दिया जाये और मरीज की मजबूरी की दवाई खाए और उन दवाई के साइड इफेक्ट के बारे में अनजान रहे . सावधान अपनी दवा को आहार मत बनने दे इन दवाओ के साइड इफेक्ट को जानना आपकी जवाबदारी बनती है ...
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