सौंफ foeniculum capllaecum = सौंफ पुरे भारत वर्ष में आहारो में पूरक आहार के तौर में खायी जाती है . इस को मसालों में, आचारो में मिलाया जाता है .इस को मीठे पान में मिलाकर भी खाया जाता है .इस के ओषधिय गुण भी उत्तम कोटि के पाए जाते है .यह शीत वीर्य की होती है .कोष्टवातहर ,कफ को पाचन करने वाली .गुर्दों का अवरोधं ,प्लीहा का अवरोधं ,और यकृत का अवरोधं में सौंफ देने से आराम आता है .मूत्र की जलन में सौंफ देने से आराम आता है .वमन ,अजीर्ण और आव आती हो तो इस से आराम आता है .मुख रोग और सुखी खांसी में चबाकर खाने से आराम आता है .योनिशुल में इस के सेवन से आराम आता है .मल को बाधने वाली यानि गर्मी के मौसम और गर्म तासीर वालो के लिए अतिउत्तम कार्य करती है . . .
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