मोटापा = मोटापा होना किसी दूसरे की देन होना नही होता बल्कि स्वंय पैदा करने में प्रथम दृष्टि भूमिका के कारण से अपने इन्द्रियों का गति में कोई नियंत्रण नही पाया जाता और मन की गति और भी इन इन्द्रियों से भी तेज घोड़े की गति से खाने पिने को आतुर [ यंत्र चाल ] से भूखे की आशा ही अभिलाषा जो कभी तृप्त नही करने वाली बनी की, बनी रहती है भारत में एक कहावत चलती है की जबान को लगाम नही लगाने से स्वाद ,सुगंध ,विचारिक ,सुंदर दिखावा ,और स्पर्श सुख जो भरे पेट में भी मन को सपने [ कल्पना ] को जाग्रत ऊर्जा करके भोजन पाने का ही यत्न बना रहता है ...
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
नैदानिक चिकित्सा के बारे में.अब भारतीयों को आसानी से सुलभ ऑनलाइन चिकित्सा शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पेशेवरों की यह स्वास्थ्य उपचार का उपयोग किया जा सकेगा जो कई रोगियों से समर्थन प्राप्त हुआ है..गोपनीय ऑनलाइन परामर्श --
आपको हमारा परामर्श गोपनीयता की गारंटी है.हमारा ब्लॉग्स्पॉट, विश्वसनीय, सुरक्षित, और निजी है.