बुधवार, 17 सितंबर 2014

एक प्रकार का पागलपन

मनोविदिलता
मनोविदिलता के लक्षण के धीरे-धीरे उत्पन्न और विकसित होते हैं, रोगी को वातावरण के प्रति रुचियाँ संकीर्ण होती रहती.धीरे-धीरे सामाजिक समन्वय टूटने लगते हैं. विपरीत लिंग के प्रति रूचि कम होती हैं. रोगी अपनी काल्पनिक दुनिया में खोया रहना अधिक पसंद करता हैं. रोगी चिडचिडा और मुड़ी हो जाता हैं. सफलता या असफलता के प्रति परवाह और रूचि धीरे-धीरे कम होने लगती हैं. वह किसी प्रकार की से अपने दायित्वों की जवाबदेही नहीं लेता किसी प्रकार की कोई जवाबदारी के परिणामों परवाह नहीं करता, परिवार के लोगो पर आक्रमण करता. परिवार में तोड़-फोड़ भी करता जिसके कारण में समन्वय की कमी पाई जाती हैं. इस प्रकार के रोगी से बातचीत का व्यवहार निम्न प्रकार से होता हैं.
प्रश्न - आप कैसा अनुभव करते हैं ?  
रोगी - मेरा अनुमान हैं ........बिलकुल ठीक .
प्रश्न - क्या आप को विचित्र आवाज़ सुनाई देती हैं.
रोगी - नहीं, कभी नहीं, मैं सुनने में इच्छुक ही नहीं.
प्रश्न - आप को यहाँ पर कैसा लगता हैं.
रोगी - मुझे नहीं मालूम, मुझे कोई परवाह नहीं. बिलकुल ठीक.
अगर आपके परिवार के किसी सदस्य को इस प्रकार से कोई शिकायत हैं तो आपके निकट मनोविज्ञानी से सम्पर्क करे.        

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