रविवार, 1 जुलाई 2018

डायबिटीज में जामुन के फायदे

जामुन 

जामुन "आम के आम गुठलियों के दाम' चरितार्थ करता एक वर्षा ऋतू के आगमन काल का फल होता है, जामुन के फल को जामुन भी कहा जाता वैसे इसके वृक्ष को, पेड़ को भी जामुन के नाम से संबोधन किया जाता है, अर्थात पेड़ व् फल दोनों को एक ही नाम से जाना जाता है, और तीसरी मजेदार बात ये है की इसका रंग भी जामुनिया नाम से प्रचलित हैं, जो बैंगनी रंग के होते है,  जामुन वृक्ष पूरे भारत भर में होता हैं, इस कच्चे फल हरे रंग के होते है, पकने पर जामुनिया, बैंगनी रंग के होते हैं. 
औषधीय उपयोग में इसके फल, मग्ज, ( बीज ) और पत्र काम में लिए जाते है. 
जामुन पुर्रिषविर्ज्निय अर्थात मल निष्कासन सरलता से करता है, मूत्रसंग्रहणीय यानी बहुमूत्र में गुणकारी होता है, ग्राही, वातकार, तथा कफ-पितहर है, जामुन की कोपले वमन रोकने वाला होती है, 
फल खाने के उपरांत इसके मग्ज को संग्रह किया जाता है, जामुन फल पाचन व् थोडासा स्तम्भन कारक है. 
मधुमेह ( डायबिटीज़ ) में जब यकृत की क्रिया बिगड़ जाती है तो इस फल के चूर्ण के खाने से यकृत की क्रिया सुधरती है, ये शरीर में शर्करा को पचाने में सहायता करता है, जामुन फल का सिरप व् सिरका भी बाजार में मिलता हैं. पुराने अतिसार में जामुन फल मग्ज, आम की गुठली का मग्ज को व्  घी में सेकी हुई जौहरडे का चूर्ण देने से आराम आता हैं. 
बहुमूत्र व् मधुमेह ( डायबिटीज़ ) में इस फल के चूर्ण को सेवन करने से आरामदायक स्थिति में जिया जाता है. 

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