कमजोर पाचन = ज्ञान का अनुसरण ; आप ने देखा होगा की ज्ञान का अनुसरण सभी करते जहा तक ज्ञान का अहंकार हो उस समय वह ज्ञानी मानता है की मेरा ही ज्ञान सही है और दूसरा का ज्ञान गलत परन्तु ऐसा नही है .आज कल आपने देखा होगा की अंग्रेजी दवाई वाले कहते की हमारी एलोपेथी दवा माउथ डीजाल्न्विग है जो जल्दी घुल जाती और असर जल्दी करती है .इसी आधार पर होमियोपैथिक डाक्टर भी इसी सिद्धांतों के आधार पर चलते, चलाते है .परन्तु वास्तव में देखा जाय तो आप को बचपन से सिखाया जाता है की खाना चबाकर खाना चाहिए, कारण की खाना जल्दी पच सके, क्यों की हमारी जीभ में से उत्पन्न एमाइलेस नामक पाचक तत्व होता है .जो हमारे भोजन को पचाने में सहायता करता है .हम जितना भोजन को चबा चबा कर खायेंगे उतना ही भोजन जल्दी पचेगा .आप उन लोगो को देखिये जो लोग भोजन को जल्दी जल्दी के निवाला को निगलते उन की पाचनशक्ति कमजोर होती है ,कब्ज ,अपचन, गैस ,मुह में पानी या खट्टापन आना की शिकायत करते है जिस की मूल वजह यही होती की खाना चबाकर नही खाया जाता है .इसलिए आप अपना भोजन चबा चबा कर ही खाए जिससे मुह की लार ही खाते खाते भोजन को जल्दी पचा दे .
AAYURVED, MODREN, NUTRITION DIET & PSYCOLOGY गोपनीय ऑनलाइन परामर्श -- आपको हमारा परामर्श गोपनीयता की गारंटी है. हमारा ब्लॉग्स्पॉट, विश्वसनीय, सुरक्षित, और निजी है. एक उर्जावान, दोस्ताना, पेशेवर वातावरण में भौतिक चिकित्सा के लिए सर्वोत्तम संभव कार्यक्रम प्रदान करना है.
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
नैदानिक चिकित्सा के बारे में.अब भारतीयों को आसानी से सुलभ ऑनलाइन चिकित्सा शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पेशेवरों की यह स्वास्थ्य उपचार का उपयोग किया जा सकेगा जो कई रोगियों से समर्थन प्राप्त हुआ है..गोपनीय ऑनलाइन परामर्श --
आपको हमारा परामर्श गोपनीयता की गारंटी है.हमारा ब्लॉग्स्पॉट, विश्वसनीय, सुरक्षित, और निजी है.