शुक्रवार, 10 अगस्त 2018

दाम्पत्य जीवन में गुस्से व नशा के प्रभाव

गुस्सा या नशा के प्रभाव से दाम्पत्य जीवन में अपनी ख़ुशी का अभाव पाया जाता है, गुस्सा और नशा दोनों विवेक खो देते है. हर्ष उल्लास जीवन से दूर हो जाते है, अपने जीवन साथी से नित्य क्लेश उत्पन्न होता है. जीवन साथी से मैथुन में असफलता रहती है, जिससे दैनिक रोज़मर्रा के कार्यो में कठिनाइयाँ आती है, हर वक्त बदले की भावना रहती है, जिस कारण से परिवार में तनाव रहता है.

युगल मैथुन में क्रोध व  नशा एक बाधा होती ये करीब-करीब पुरुष वर्ग में प्राय: अधिक देखने को मिलता, महिलाओं में नाम मात्र .भारतीय दर्शन शास्त्र प्रति एक जोड़े को लक्ष्मी-नारायण में नजर आते उन में कभी शिव-पार्वती, के साथ ब्रह्मा-सरस्वती का जोड़ा भी देखा जाता, बीमारी के तौर पर अंदर की घुटन जो जीवन साथी के गुस्से या नशा के कारण  मानसिक संताप को भुगतना या पथभृष्ट होना पाया जाता.

बचाव, उपाय
प्राणायाम सबसे बेहतर उपाय चिकित्सा होती है, गुस्सा, क्रोध और नशा दोनों नियंत्रण में आते है.
                  निम्नलिखित फलो में कुछ योगिक यौन स्वास्थ्य में सुधारने उनके उपयोग के साथ प्रेम से आपस में उनका खाने में एक दूसरे को टुकड़ो-टुकड़ो में खिलाने से आप को पोषण के साथ पारिवारिक प्रेम भी बढ़ता है.
अंगूर, अमरुद, सेव, पपीता, अनार, चीकू, चेरी, और कीवी जैसे फलो का सेवन ज़रूर करना चाहिए ।

.

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

नैदानिक चिकित्सा के बारे में.अब भारतीयों को आसानी से सुलभ ऑनलाइन चिकित्सा शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पेशेवरों की यह स्वास्थ्य उपचार का उपयोग किया जा सकेगा जो कई रोगियों से समर्थन प्राप्त हुआ है..गोपनीय ऑनलाइन परामर्श --
आपको हमारा परामर्श गोपनीयता की गारंटी है.हमारा ब्लॉग्स्पॉट, विश्वसनीय, सुरक्षित, और निजी है.