मनोवैज्ञानिक शौध पत्र
समस्या
प्रयोज्य समलैंगिकता से पीड़ित था । चिंता से परेशान होता पढ़ाई मे मन नही लगता था ।
प्रयोज्य का नाम - 118
प्रयोज्य की - आयु 22 वर्ष
प्रयोज्य की शिक्षा - स्थानक विज्ञान तृतीय वर्ष
निवास स्थान - अज्ञात [ गोपनीय रखा गया ]
समस्या परिचय
ऑनलाइन परामर्श से प्रयोज्य ने बताया की वह समलैंगिकता से पीड़ित था, जिसकी वजह से पढ़ाई करने मे मन नहीं लगता था । जिसकी वजह से मानसिक तनाव भी रहता था, शादी की चिंता होती थी। ऑनलाइन समलैंगिता की सभी भ्रामक जानकारी से भी परेशान था । समलैंगिता से विषम लैंगिकता आना चाहता था। भीड़ समूह अच्छे नही लगते थे ।
उपचार उद्देश्य
समलैंगिकता से विषम लैंगिता मे आना चाहता था, ऑनलाइन सर्च से ज्ञात हुआ समलैंगिकता का ईलाज हो सकता है । शादी की इच्छा पर लड़कियो के प्रति आकृषण नहीं होना से परेशान हो जाता था । कक्षा 6 मे पढ़ता तब से गुदा मैथुन साथी से पीड़ित था। अब इस आदत से छुटकारा पाना चाहता था ।
परिकल्पना
पूर्व प्रयोज्य के निदान हो चुके थे उनके अनुसार इसका भी उपचार हो सकता है ।
निष्कर्ष
प्रयोज्य व्यक्ति भूल या भ्रम से पीड़ित समलैंगिक बन गया जिसके बाद एक आदतन गुदा मैथुन का अभ्यास होता रहा, अज्ञान के कारण ये समलैंगिता चुपके से करने से डर, भय, चिंता से परेशान था । ऑनलाइन मे भ्रामक लेख दिये हुए थे की समलैंगिकता का कोई ईलाज नही, फिर मेरे यू ट्यूब चैनल से वाट्स एप नंबर 91 98290 85951 से संपर्क परामर्श हुआ। उसके बाद ऑनलाइन एक महीने का परामर्श लेने से ठीक हो गया, प्रयोज्य दिशा निर्देशन का पालन किया साथ ही आवश्यक संतुलित आहार के दिशा निर्देशन का भी पालन करने से वर्तमान मे ठीक है। चिंताए अब मिट चुकी और महिलाओ मे रुचि पैदा हो गई ।
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