सोमवार, 3 जनवरी 2022

कैसे उभयलिंग व्यक्ति की दिक्कत दूर हुई ?

प्रयोज्य को परामर्श की दिनांक - 16 / 11 / 20 

प्रयोज्य का गोपनीय नाम - गोपनीय रखने के कारण 30194 [ अपडेट 02 / 01 / 22 फोन से ] 

प्रयोज्य की आयु  - 40 वर्ष 

प्रयोज्य का व्यवसाय - चिकत्सक 

प्रयोज्य की समस्या - उभयलिंगी से छुटकारा । 

निदान - समलैंगिक मे आकर्षण और स्त्री आकर्षण मे अरुचि । 13 वर्ष की आयु मे हस्त मैथुन शुरू किया था, ये हस्त मैथुन लगातार 12 वर्ष किया, फिर 25 वर्ष की आयु मे समान आयु वाले लड़को के गुदा मैथुन किया, उसी समय शादी भी हो गई । शादी से पूर्व समलिंग को गुदा मैथुन करने की एक आदत हो गई । पति अच्छी मिली, पत्नी से कोई शिकायत नहीं । आत्म हत्या के विचार आते थे । 10 वर्ष का एक बेटा और 11॰5 की एक बेटी भी है । लगातार समलैंगिक संबंध के विचार आते है। 15 लड़को के गुदा मैथुन किया, दो बार बड़े भाई ने अपने क्लीनिक मे लड़को के गुदा मैथुन करते देख लिया, भाई ने टोका की यौनि मैथुन करने को लड़की नहीं मिलती क्या ? [ दोनों भाई एक ही क्लीनिक चलाते थे ] भाई ने जब अपने से छोटे लड़को के गुदा मैथुन करते देखा तो आत्म हत्या के विचार पैदा हुए, रात्री मे दूसरे कमरे मे जाने से डर लगता था । पत्नी से संभोग करने पर 4 गोली विग्रा खाई गोली का असर निष्प्रभावी रहा, विग्रा गोली खाने से सुबह सिर दर्द होता था । पत्नी को बाहो मे लेने से दोनों खुश होते फिर मायूष हो जाता था । अपनी औलाद के साथ सोना पसंद करता था, बच्चो की उनके दादा-दादी के पास सोने देने से इंकार किया । 

निष्कर्ष - प्रयोज्य के पारिवारिक स्थिति अच्छी होने से आहार विहार मे कोई कमी नहीं थी, संतुलित आहार होने से वीर्य उत्पादन प्रयाप्त मात्रा मे होता था, वीर्य प्रचुरता के कारण छोटे लड़को मे गुदा मैथुन करने मे रुची  एक बार हुई तो ये लगातार बनी रही, दूसरा यौनि से गुदा मे सेक्स करते समय मैथुन कसाव अच्छा रहता था । यौनि मे ठिलापन भी पुरुष के लिए मैथुन क्रिया संतुष्टि दायक नहीं होती है, घोड़े के समान और कुत्ते के समान मैथुन क्रिया का आनंद की एक घोर लत गई, वे समलैंगिक लड़के भी आसानी से क्लीनिक मे आ जाते उनको ढूँढने जाने मे कोई समस्या नहीं होती । समलैंगिकता की घोर आदत को धीरे धीरे सुधारा जाए 15 स्थानीय लड़को की बजाए एक लड़का ही दूर का रखने से मन को संतुलन होना सुरू हुआ, धीरे धीरे ये लड़का भी दूर हो जाएगा, एक कारण भी यही था की स्थानीय काफी लोग समलैंगिक पाये गए होने से उसका वातावरण भी नित्य समलैंगिकता को प्रेरित की किया जाता है, प्रयोज्य अपना पेशा छोड़ नहीं सकता और अपना स्थानीय वातावरण भी छोड़ नहीं सकता ।

फिर मैने समझाया की आप का चिकित्सा पैशा बहुत सम्मान देने वाला इसलिए अपनी प्रतिष्ठा को कम मत करना, आपके पास मैथुन करने के लिए पत्नी है, महिला यौनि ढीली होतो उसका उपचार कराए, दूसरी बच्छों से प्रेम के कारण एक ही बिस्तर पर सभी चारो सोते थे । बच्चो को छोड़ नहीं सकता था, चाहे स्त्री मैथुन नहीं करेगा तो चलेगा, फिर निर्णय ये किया गया की भले दो माह मे मैथुन करना पड़े तो 15 स्थानीय लड़को की बजाय दूर का एक लड़का ही रखा जाए ।  अब एक दूसरे राज्य के लड़के से दोस्ती सीमित हो गई, पहले साप्ताहिक समलैंगिक से गुदा मैथुन करता था, अब दो महीना मे एक बार तक ही संबंध स्थापित करता, अब मन विचलित नहीं होता, फेसबुक चलाना बंद कर दिया क्यो की फेसबुक से लड़को का संपर्क हो जाता था । प्रयोज्य 90 % अपने समलैंगिकता के विचारो की नियंत्रण मे कर दिया है। धीरे धीरे सम्पूर्ण ठीक होने की संभावना हें । 

 पुष्ट प्रायप्त से अधिक वीर्य उत्पादन को बनने से रोक जाना भी जरूरी होना चाहिए ।  

परामर्श दाता 

091 9829085951 

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