शनिवार, 31 दिसंबर 2022

क्या संसार में एक एलोपैथिक चिकित्सा पद्धति ही स्वीकार बाकी अमान्य घोषित किया गया है ?

 समलैंगिक व्यक्ति के लिए वैकल्पिक चिकित्सा पद्धति बहुत है ।

क्या संसार में एक एलोपैथिक चिकित्सा पद्धति ही स्वीकार बाकी अमान्य घोषित किया गया है ?

भारत में तीन प्रकार की संवैधानिक चिकित्सा अधिकार अधिनियम बने हुए है । 

1. 1956 आधुनिक चिकित्सा पद्धति अधिनियम जिसे एलोपैथी भी कहते है ।

2. 1970 आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति, यूनानी चिकित्सा पद्धति और सिद्धा अधिनियम

3. 1973 होम्योपैथिक चिकित्सा पद्धति अधिनियम ।

4. योग और प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति लंबित मान्य चिकित्सा पद्धति जिसका अधिनियम कुछ राज्यों में पर केंद्रीय अधिनीय लागू नहीं है, फिर भी मान्य चिकित्सा पद्धति है 

अन्य वैकल्पिक चिकित्सा पद्धति संचालित हो रही हैं ।

अन्य चिकित्सा पद्धति जैसे 1. रंग चिकित्सा पद्धति, 2. हिप्नोटिज्म चिकित्सा पद्धति, 3. शिवांबु चिकित्सा पद्धति, 4. एक्यूप्रेशर चिकित्सा पद्धति, 5. एक्यू पंचर चिकित्सा और 6. संगीत चिकित्सा पद्धति इस प्रकार अनेक चिकित्सा पद्धति लोक व्यवहार में लाई जाती है जो विधि मान्य नहीं परंतु विधि विरोध भी नहीं है ।

कौन किस चिकित्सा पद्धति से चिकित्सा करता और व्यक्ति किस चिकित्सा पद्धति से अपना स्वास्थ्य लाभ लेता ये व्यक्तिगत कारण होते है । 

ये जरूरी नहीं की सभी चिकित्सा पद्धति अपने आप में पूर्ण है, जब किसी एक चिकित्सा पद्धति से किसी व्यक्ति को स्वस्थ लाभ नहीं हो तो दूसरी वैकल्पिक चिकित्सा पद्धति से उपचार मिलता तो रोगी व्यक्ति उस चिकित्सा पद्धति का लाभार्थी होगा ही । 

और वैकल्पिक चिकित्सा पद्धति से उपचार कराना चाहिए ।।


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