शनिवार, 3 दिसंबर 2022

भारत में समलैंगिक अनुसंधान हेतु ।

 सेवामे,         

                                श्री मान सुप्रीम कोर्ट जज साहब 

                                भारतीय सुप्रीम कोर्ट दिल्ली ।

विषय - बाल यौन शौषण पीड़ित समलैंगिक संबंध बनाने की आदत हेतु, रोक थाम हेतु ।।

मान्यवर जी,

                सविनय नम्र निवेदन है कि बाल यौन शौषण होना आम बात है, जब किसी छोटे लड़के का बाल यौन शौषण होता तो जब उसके माता पिता या अभिभावक को पता चलता तो उसको उस सदमे से उभरने के अवसर मिल जाता, परंतु जब गुप्त रूप से किसी बालक के साथ उसके निकट रिश्तेदार, पड़ोसी या कोई जानकर गुदा मैथुन या मुख मैथुन क्रिया कलाप करता / कराता है, तो ये एक आदत बन जाती फिर ये आदत छूटती नही है । इस प्रकार से छोटे बच्चे समलैंगिकता के शिकार हो कर अपनी आदत छोड़ना नहीं चाहते । कुछ तो सामाजिक पारिवारिक जीवन शैली में होने से सुधरने का प्रयास करते, कुछ सुधारण नही चाहते । जो बच्चो का बाल यौन शौषण करता वो ये बात को बोलता की समलैंगिकता जन्मजात होती है अथवा भ्रम में रहने वाले। किसी भी एक बालक के साथ एक से अधिक बार गुदा मैथुन हो जाता उसकी आदत लग जाती, फिर छूटनी नही । ये अनुसंधान मैने तीन साल लगातार किया है ।

जन्म से कोई समलैंगिक होता होगा, पर इसका परीक्षण भी आवश्यक है 

अगर कोई जैविक शारीरिक कारण से समलैंगिक है तो जैविक अनुसंधान होना चाहिए की प्रमाण क्या है 

पर्यायवरण के कारण हो तो भी उसका अध्ययन होना चाहिए 

*बाल यौन शौषण पीड़ित समलैंगिक भी होते इसका प्रमाण भी होना चाहिए । अनुसंधान भी होना चाहिए

       श्री मान जी जब ये बाल यौन शौषण पीड़ित को समलैंगिकता की आदत लग जाती है तो ये बालक से बड़े व्यक्ति हो जाते तो इस आदत को छोड़ नही सकते इनको एक प्रकार का जुनून पैदा रहता है 

जब ये बड़े होते तो इनके माता पिता शादी के लिए बातचीत करते तो इनको गुस्सा आता और शादी नही करना चाहते, जब की इनके साथ बाल यौन शौषण हुआ होता जैसे की छोटे बच्चे को चोरी करना सिखाया जाता, चरस, गांजा, अफीम और भांग के नशे का आदि बना दिया जाता और ये आदत फिर छूटती नही है । इसी प्रकार से बाल यौन शौषण पीड़ित समलैंगिक बनते है । ये अनुसंधान किया जा चुका है साहब 

         श्री मान निम्न कारणों का अध्ययन करना भी जरूरी है 

समलैंगिकता बाल यौन शौषण पीड़ित व्यक्ति भारत में ज्यादातर है, क्योंकि ये वासना निकालने का सुरक्षित स्थान होता है, लड़की या महिला के साथ हो तो गर्भवती होने का खतरा होता है, इस कारण ये बालक सरलता और सुलभता से मिल जाते है । जो समाज की लिए एक खतरा है ।

पुरुष वैश्यावृति को बढ़ावा मिल रहा है, ये आजकल बहुत सुनने और पढ़ने को आ रहा है ।

समलैंगिक संबंध स्थापित करने वालों में आजकल एड्स अधिक होते का समाचार पत्र में पढ़ने को मिल रहा है 

जो लोग ये कहते समलैंगिक जन्म से होता उनका भी अनुसंधान होना चाहिए वे क्यों कहते, उनके पीछे क्या स्वार्थ पूर्ति हो रही ? जब की समलैंगिक बनने के कारणों को भी ढूंढा जाना चाहिए 

बच्चे किस आयु में हस्त मैथुन करना चाहिए, हस्त मैथुन की प्रेरणा दायक बात क्या समाज की लिए, कानून के लिए अच्छी है ?  ( लगभग सभी हस्त मैथुन करने लड़के 12 वे 14 आयु में गलत प्रेरणा की वजह से सिख लेते जो वैवाहिक जीवन खराब कर देते, इसके कारण काफी नपुंसकता आ जाती हैं । ) इसलिए समाज में ब्रह्मचर्य आश्रम का ज्ञान आवश्यक होता है 

Gay समलैंगिक में एक दूसरा प्रमुख कारण ये होता है की बाल अवस्था में गलत प्रेरणा के कारण हस्त मैथुन करना सीख जाते है जिसके कारण लडको में विपरित लिंग की चाहत नहीं होती, जब वीर्य को हाथ से निकाल दिया जाएगा तो कैसे व्यक्ति को स्त्री के प्रति आकर्षण और लगाव रहेगा 

समलैंगिक आदत होने के दो मूल कारण पाए गए है,

1.बाल यौन शौषण पीड़ित होना और उसके साथ

2.हस्तमैथुन का बाल अवस्था में गलत प्रेरणा से सीखना ।

ये दोनों आदत एक बाध्यकारी जुनून होता है इन दोनो आदत को चाह कर भी नहीं छोड़ सकते ।

उपरोक्त *चार *नंबर से पीड़ित काफी लोग मुझ से मिले जिनके साथ बाल यौन शौषण हुआ जिसके कारण उनमें समलैंगिकता की आदत / लत लगी । इस लोगो को सदमे से उभरने का अवसर मिलना चाहिए ये सभी इस आदत को आसानी से छोड़ सकते है ।

अतः समलैंगिक विवाह को मान्यता देने से पूर्व भारत में भारतीय जनता को भी विचार करने, विचार रखने का अधिकार दीजिए । कारण किसी अज्ञात परिवार के साथ गलत नहीं हो और किसकी का बेटा, किसी का वंश खराब नहीं हो । इन दो व्यक्तियों में से किसी के साथ बाल यौन शौषण पीड़ित हुआ की नहीं ।

समलैंगिकता की लत से कैसे आदि हुए और किस प्रकार से ये सभी समलैंगिकता की आदत से छुटकारा पाया । ये संपूर्ण प्रमाण आप देख सकते है ।

WWW. Raghunath_Singh.blogspot.com  जो अभी लिखा जाना बहुत बाकी है 

अब्बास खान लिखित "विरोध" पुस्तक का अध्ययन कीजिए, ® पर आपका कोई बच्चा यौन शौषण के कारण समलैंगिक बन जाए तो .......notionpress.com .। पढ़िए 

 पाकिस्तानी मौलवी  engineer Muhammad Ali Mirza,  https://youtu.be/hoFRGWACtjY ka अध्ययन किया जाए ।

मेरे अनुसंधान पढ़िए

समलैंगिक से विषम लैंगिक होने पर हार्दिक बधाई

प्रयोज्य जुलाई 2021 अंतिम सप्ताह मे पिता बना और एक वंश वृक्ष बन पितृ ऋण से मुक्त होकर शानदार गौरवशाली ज़िंदगी जी रहा है।  पुत्र होने की बधाई और शुभ कामनाए देता हूँ ।

https://raghunath-singh.blogspot.com/2020/06/blog-post.htm

शाब्दिक त्रुटि के लिए क्षमा चाहता हूं, आशा करता हूं, आप और भारत की जनता समलैंगिक विवाह कुरीतिया पर अमल किया जाएगा और भारतीय संस्कृति सभ्यता को बचाया जाएगा ।

निम्न संदर्भ को देखा जाना जरूरी समझता हूं 

पाकिस्तानी मौलवी साहब का वीडियो

#विरोध पुस्तक के लेखक

अब्बास इनकी बात से मैं भी सहमत हूं, और समलैंगिक उपचार का विरोध करने वालों को मैं भी अक्सर कहता हूं 

                                    निवेदक  भारतीय नागरिक

                                       रघुनाथ सिंह राणावत

                             सापोल, जिला राजसमंद राजस्थान

।  ।  ।।l , ।।।       ।।।।  ।।।।।?।  ।।,

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

नैदानिक चिकित्सा के बारे में.अब भारतीयों को आसानी से सुलभ ऑनलाइन चिकित्सा शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पेशेवरों की यह स्वास्थ्य उपचार का उपयोग किया जा सकेगा जो कई रोगियों से समर्थन प्राप्त हुआ है..गोपनीय ऑनलाइन परामर्श --
आपको हमारा परामर्श गोपनीयता की गारंटी है.हमारा ब्लॉग्स्पॉट, विश्वसनीय, सुरक्षित, और निजी है.