05-23-79
प्रयोज्य 02 /03 / 2023 सम्पर्क किया .
कार्यभार - पावर प्लांट में
आयु - 28 वर्ष --
शादी -
समस्या - समलैंगिक
पहली बार गुदा मैथुन - 15-16 वर्ष
प्रयोज्य की उस समय
यौन शोषणकारी - समान आयु
two year
spenzo .5 tab
ooltime tab
आवाज दी थी
AAYURVED, MODREN, NUTRITION DIET & PSYCOLOGY गोपनीय ऑनलाइन परामर्श -- आपको हमारा परामर्श गोपनीयता की गारंटी है. हमारा ब्लॉग्स्पॉट, विश्वसनीय, सुरक्षित, और निजी है. एक उर्जावान, दोस्ताना, पेशेवर वातावरण में भौतिक चिकित्सा के लिए सर्वोत्तम संभव कार्यक्रम प्रदान करना है.
05-23-79
प्रयोज्य 02 /03 / 2023 सम्पर्क किया .
कार्यभार - पावर प्लांट में
आयु - 28 वर्ष --
शादी -
समस्या - समलैंगिक
पहली बार गुदा मैथुन - 15-16 वर्ष
प्रयोज्य की उस समय
यौन शोषणकारी - समान आयु
two year
spenzo .5 tab
ooltime tab
आवाज दी थी
03-23-78
प्रयोज्य 21 /02 / 2023 सम्पर्क किया .
कार्यभार - प्रायवेट नौकरी
आयु - 32 वर्ष --
शादी -
समस्या - समलैंगिक
पहली बार गुदा मैथुन - 5 वी कक्षा
प्रयोज्य की उस समय 8 वी कक्षा
यौन शोषणकारी - साथी
समलैंगिक तूफानी
02-23-77
प्रयोज्य 09 /02 / 2023 सम्पर्क किया .
कार्यभार - राज मित्री
आयु - 27 वर्ष --
शादी -
समस्या - समलैंगिक
पहली बार गुदा मैथुन - कक्षा 6 में पढ़ता था .
प्रयोज्य की उस समय 12-13 वर्ष लगभग .
यौन शोषणकारी - चचेरा भाई 19 वर्ष का
14 -22- 67
प्रयोज्य 01 / 09 / 2022 सम्पर्क किया .
कार्यभार - सैनिक
आयु - 28 वर्ष --
शादी - शादीशुदा, 1 संतान डेढ़ वर्ष
समस्या - समलैंगिक [ उभयलिंगी ]
पहली बार गुदा मैथुन - कक्षा 6 में पढ़ता 12-13 वर्ष की आयु में. बहला फुसलाकर गुदा मैथुन किया .
प्रयोज्य की उस समय 12-13 वर्ष लगभग .
यौन शोषणकारी - चचेरा भाई 27-28 वर्ष का
अब तक 3 व्यक्ति के संपर्क में आया .
अपडेट - ठीक है . 13-05-23 .
13-22- 66
प्रयोज्य 04 / 08 / 2022 सम्पर्क किया .
कार्यभार - शादी पूर्व शूटिंग जॉब एवम् रसोया
आयु -30 वर्ष -
शादी - कुवारा
समस्या - समलैंगिक [ उभयलिंगी ]
पहली बार गुदा मैथुन -12-14 वर्ष की आयु में. बहला फुसलाकर गुदा मैथुन किया .
प्रयोज्य की उस समय12-14 वर्ष लगभग .
यौन शोषणकारी - पडौसी 18 वर्ष का
अपडेट - ठीक है . 11-05-23 .
11-22- 65
प्रयोज्य 18 / 07 / 2022 सम्पर्क किया .
कार्यभार - गाड़ी ड्राइवर
आयु -20 वर्ष --
शादी - नहीं की .
समस्या - समलैंगिक
पहली बार गुदा मैथुन - 6 वर्ष की आयु में.
प्रयोज्य की उस समय 6 वर्ष लगभग .
यौन शोषणकारी - 4-5 बड़ा यानि 12 वर्ष का लड़का
अपडेट - ठीक है . 11-05-23 .
मनोवैज्ञानिक परामर्श चिकित्सा
26-22- 61
प्रयोज्य 26 / 05 / 2022 सम्पर्क किया .
कार्यभार - 12 iti
आयु -24 वर्ष
भार - असरकारी अध्यापक
शादी - 12 / 05 / 22 शादीशुदा
समस्या - समलैंगिक
पहलीबार बार गुदा मैथुन -दो माह पूर्व गुदा मैथुन करवाया, एक बार ही करवाया .
प्रयोज्य की उस समय 24 वर्ष लगभग
उसके दोस्त ने जिसकी आयु 35 वर्ष .
ज्यादातर अकेले रहना पसंद .
16 साल की आयु में हस्त मैथुन शुरू किया .
ऑनलाइन 8 परामर्श ही लिया, क्योकि वैवाहिक समस्या समाप्त हो गई .
मनोवैज्ञानिक परामर्श चिकित्सा
06-22- 59
प्रयोज्य 21 / 04 / 2022 सम्पर्क किया .
कार्यभार - B A पास
आयु -30
कार्य भार - खेती
शादी - नहीं
समस्या - समलैंगिक
पहलीबार बार गुदा मैथुन -13 - 14 वर्ष की आयु में, [ आपस में स्पर्श सुख ]
प्रयोज्य की उस समय 13-14 वर्ष लगभग
उसके दोस्त ने जिसकी आयु 25-30 वर्ष .
हस्त मैथुन शुरू किया .8वी, 9वी कक्षा में पढ़ता था.
नोट- 15 से 20 लडको के सम्पर्क में आया, छोटे लड़को के भी गुदा मैथुन किया .
समलैंगिकता व्यवहारवाद है ।
जब ये व्यवहार से सिखा का सकता तो व्यवहार वाद से भुलाया भी का सकता है ।।
व्यवहारवादियों को भी सुनना चाहिए ।।
किसी बालक किशोर 12 से 14 साल के लड़के के साथ बाल यौन शौषण पीड़ित समलैंगिक बनाया जाए तो क्या उसका शौषण होना चाहिए ?
बाल यौन शौषण पीड़ित समलैंगिक बनता तो उसको क्या उसको वापस उस सदमे से बाहर नहीं आना चाहिए ?
समलैंगिक बनने के कारणों को नहीं मानना और नही जानना चाहिए ?
1. S D M 5 में समलैंगिकता को हटाने की प्रक्रिया क्या थी ?
2. कब कैसे निश्चित किया की DSM 5 से समलैंगिकता नैदानिक हटाया जाए, कैसे हुआ ?
3. माना की 100 डॉक्टर साहब समित सदस्य है तो उस में से कितने डॉक्टर ने भाग लिया था ?
4. माना की 100 मेरे 60 % वोटिंग समलैंगिकता उपचार हटाने में 40 % समलैंगिकता नहीं हटाने में तो क्या 40 % रोगी को मार दिया जाए ?
5. 60 % संख्या बल की भलाई, आनंद के दूसरो की बलि दी जाए ?
6. कोई या कुछ व्यक्ति विवादित हो सकता है या मानसिक बीमारी से पीड़ित हो सकता है क्योंकि उनकी कामुकता, और उस स्थिति का इलाज नहीं किया जा सकता ?
7. बाल यौन शौषण से समलैंगिक बनते की नहीं ये प्रयोग अपने पुत्र या परिवार के सदस्य के साथ करके देख लेना चाहिए, सच सामने आ जाएगा ।
https://en-m-wikipedia-org.translate.goog/wiki/Classification_of_mental_disorders?_x_tr_sl=en&_x_tr_tl=hi&_x_tr_hl=hi&_x_tr_pto=tc,sc
सेवामे,
श्री मान सुप्रीम कोर्ट जज साहब
भारतीय सुप्रीम कोर्ट दिल्ली ।
विषय - बाल यौन शौषण पीड़ित समलैंगिक संबंध बनाने की आदत हेतु, रोक थाम हेतु ।।
मान्यवर जी,
सविनय नम्र निवेदन है कि बाल यौन शौषण होना आम बात है, जब किसी छोटे लड़के का बाल यौन शौषण होता तो जब उसके माता पिता या अभिभावक को पता चलता तो उसको उस सदमे से उभरने के अवसर मिल जाता, परंतु जब गुप्त रूप से किसी बालक के साथ उसके निकट रिश्तेदार, पड़ोसी या कोई जानकर गुदा मैथुन या मुख मैथुन क्रिया कलाप करता / कराता है, तो ये एक आदत बन जाती फिर ये आदत छूटती नही है । इस प्रकार से छोटे बच्चे समलैंगिकता के शिकार हो कर अपनी आदत छोड़ना नहीं चाहते । कुछ तो सामाजिक पारिवारिक जीवन शैली में होने से सुधरने का प्रयास करते, कुछ सुधारण नही चाहते । जो बच्चो का बाल यौन शौषण करता वो ये बात को बोलता की समलैंगिकता जन्मजात होती है अथवा भ्रम में रहने वाले। किसी भी एक बालक के साथ एक से अधिक बार गुदा मैथुन हो जाता उसकी आदत लग जाती, फिर छूटनी नही । ये अनुसंधान मैने तीन साल लगातार किया है ।
जन्म से कोई समलैंगिक होता होगा, पर इसका परीक्षण भी आवश्यक है
अगर कोई जैविक शारीरिक कारण से समलैंगिक है तो जैविक अनुसंधान होना चाहिए की प्रमाण क्या है
पर्यायवरण के कारण हो तो भी उसका अध्ययन होना चाहिए
*बाल यौन शौषण पीड़ित समलैंगिक भी होते इसका प्रमाण भी होना चाहिए । अनुसंधान भी होना चाहिए
श्री मान जी जब ये बाल यौन शौषण पीड़ित को समलैंगिकता की आदत लग जाती है तो ये बालक से बड़े व्यक्ति हो जाते तो इस आदत को छोड़ नही सकते इनको एक प्रकार का जुनून पैदा रहता है
जब ये बड़े होते तो इनके माता पिता शादी के लिए बातचीत करते तो इनको गुस्सा आता और शादी नही करना चाहते, जब की इनके साथ बाल यौन शौषण हुआ होता जैसे की छोटे बच्चे को चोरी करना सिखाया जाता, चरस, गांजा, अफीम और भांग के नशे का आदि बना दिया जाता और ये आदत फिर छूटती नही है । इसी प्रकार से बाल यौन शौषण पीड़ित समलैंगिक बनते है । ये अनुसंधान किया जा चुका है साहब
श्री मान निम्न कारणों का अध्ययन करना भी जरूरी है
समलैंगिकता बाल यौन शौषण पीड़ित व्यक्ति भारत में ज्यादातर है, क्योंकि ये वासना निकालने का सुरक्षित स्थान होता है, लड़की या महिला के साथ हो तो गर्भवती होने का खतरा होता है, इस कारण ये बालक सरलता और सुलभता से मिल जाते है । जो समाज की लिए एक खतरा है ।
पुरुष वैश्यावृति को बढ़ावा मिल रहा है, ये आजकल बहुत सुनने और पढ़ने को आ रहा है ।
समलैंगिक संबंध स्थापित करने वालों में आजकल एड्स अधिक होते का समाचार पत्र में पढ़ने को मिल रहा है
जो लोग ये कहते समलैंगिक जन्म से होता उनका भी अनुसंधान होना चाहिए वे क्यों कहते, उनके पीछे क्या स्वार्थ पूर्ति हो रही ? जब की समलैंगिक बनने के कारणों को भी ढूंढा जाना चाहिए
बच्चे किस आयु में हस्त मैथुन करना चाहिए, हस्त मैथुन की प्रेरणा दायक बात क्या समाज की लिए, कानून के लिए अच्छी है ? ( लगभग सभी हस्त मैथुन करने लड़के 12 वे 14 आयु में गलत प्रेरणा की वजह से सिख लेते जो वैवाहिक जीवन खराब कर देते, इसके कारण काफी नपुंसकता आ जाती हैं । ) इसलिए समाज में ब्रह्मचर्य आश्रम का ज्ञान आवश्यक होता है
Gay समलैंगिक में एक दूसरा प्रमुख कारण ये होता है की बाल अवस्था में गलत प्रेरणा के कारण हस्त मैथुन करना सीख जाते है जिसके कारण लडको में विपरित लिंग की चाहत नहीं होती, जब वीर्य को हाथ से निकाल दिया जाएगा तो कैसे व्यक्ति को स्त्री के प्रति आकर्षण और लगाव रहेगा
समलैंगिक आदत होने के दो मूल कारण पाए गए है,
1.बाल यौन शौषण पीड़ित होना और उसके साथ
2.हस्तमैथुन का बाल अवस्था में गलत प्रेरणा से सीखना ।
ये दोनों आदत एक बाध्यकारी जुनून होता है इन दोनो आदत को चाह कर भी नहीं छोड़ सकते ।
उपरोक्त *चार *नंबर से पीड़ित काफी लोग मुझ से मिले जिनके साथ बाल यौन शौषण हुआ जिसके कारण उनमें समलैंगिकता की आदत / लत लगी । इस लोगो को सदमे से उभरने का अवसर मिलना चाहिए ये सभी इस आदत को आसानी से छोड़ सकते है ।
अतः समलैंगिक विवाह को मान्यता देने से पूर्व भारत में भारतीय जनता को भी विचार करने, विचार रखने का अधिकार दीजिए । कारण किसी अज्ञात परिवार के साथ गलत नहीं हो और किसकी का बेटा, किसी का वंश खराब नहीं हो । इन दो व्यक्तियों में से किसी के साथ बाल यौन शौषण पीड़ित हुआ की नहीं ।
समलैंगिकता की लत से कैसे आदि हुए और किस प्रकार से ये सभी समलैंगिकता की आदत से छुटकारा पाया । ये संपूर्ण प्रमाण आप देख सकते है ।
WWW. Raghunath_Singh.blogspot.com जो अभी लिखा जाना बहुत बाकी है
अब्बास खान लिखित "विरोध" पुस्तक का अध्ययन कीजिए, ® पर आपका कोई बच्चा यौन शौषण के कारण समलैंगिक बन जाए तो .......notionpress.com .। पढ़िए
पाकिस्तानी मौलवी engineer Muhammad Ali Mirza, https://youtu.be/hoFRGWACtjY ka अध्ययन किया जाए ।
मेरे अनुसंधान पढ़िए
समलैंगिक से विषम लैंगिक होने पर हार्दिक बधाई
प्रयोज्य जुलाई 2021 अंतिम सप्ताह मे पिता बना और एक वंश वृक्ष बन पितृ ऋण से मुक्त होकर शानदार गौरवशाली ज़िंदगी जी रहा है। पुत्र होने की बधाई और शुभ कामनाए देता हूँ ।
https://raghunath-singh.blogspot.com/2020/06/blog-post.htm
शाब्दिक त्रुटि के लिए क्षमा चाहता हूं, आशा करता हूं, आप और भारत की जनता समलैंगिक विवाह कुरीतिया पर अमल किया जाएगा और भारतीय संस्कृति सभ्यता को बचाया जाएगा ।
निम्न संदर्भ को देखा जाना जरूरी समझता हूं
पाकिस्तानी मौलवी साहब का वीडियो
#विरोध पुस्तक के लेखक
अब्बास इनकी बात से मैं भी सहमत हूं, और समलैंगिक उपचार का विरोध करने वालों को मैं भी अक्सर कहता हूं
निवेदक भारतीय नागरिक
रघुनाथ सिंह राणावत
सापोल, जिला राजसमंद राजस्थान
। । ।।l , ।।। ।।।। ।।।।।?। ।।,
प्रयोज्य के परामर्श की दिनांक - 26 / 07 / 21 [ अपडेट 18 / 01 / 22 ]
प्रयोज्य का नाम - गोपनियता के कारण 4510
प्रयोज्य की आयु - 18 वर्ष
प्रयोज्य की शिक्षा - BSC प्रथम वर्ष
प्रयोज्य की समस्या - समलैंगिक आकर्षण
निदान - प्रयोज्य को 35 वर्ष से अधिक आयु पुरुष मे आकर्षण होता है । लड़कियो और महिलाओ मे कोई आकर्षण नहीं होता । शादी करने का मन नहीं करता, गुदा के विचार आते है । विचार पर नियंत्रण नहीं रहता । 12 वर्ष की आयु मे हस्त मैथुन करना सीखा, बिस्तर पर घर्षण करके वीर्यपात करना अच्छा लगता है । आत्मविश्वास कमजोर हो गया, डर, चिंता हमेशा लगी रहती है । एकांत अच्छा लगता है । हस्त मैथुन करने से अलौकिक आनंद आता है, अपने परिवार वालो को अपनी मानसिक समस्या को बताया, खान सर का एलजीबीटी वीडियो देखने से तनाव आ गया, पहले मन मे विचार आता की कही कोई बोल नहीं दे, अलग रहता अजीब लगता था । महिला मित्र नहीं, ताना देता, लोग मेरे बारे मे क्या सोचते के विचार आता, लोग मेरे बारे मे क्या बाते करते होंगे । 10 / 07 / 21 को बताया की चार दिन से नींद आ रही, बुरे सपने आए । अपनी समस्या बड़े भाई को बताई तो बड़े भाई ने ऑनलाईन परामर्श लेने की सलाह दी और उसने ही आपके नंबर दिये ।
निष्कर्ष - प्रयोज्य मे आलसी प्रवृति पाई गई, एकांत मे रहने की प्रवृति पाई गई, निराशा के भाव पाए गए । भ्रम मे जीवन यापन हो रहा पाया गया, वहम का बोझ लेकर चलता है । नारी के आकर्षण बढ़ने की पुष्टि मिली, परंतु हट धर्मिता के कारण निरंतर बाध्यता पाई गई । तार्किक बुद्धि अच्छी पाई गई । अब तबीयत ठीक पाई गई, परंतु 40 % आकर्षण महिलाओ के प्रति पाया ये कथन प्रयोज्य के थे । आतंविश्वास 100 % अच्छा हुआ, पहले तनाव था अब ठीक हूँ, तनाव दूर हो गया । समलैंगिक इच्छा नहीं होती है ।
आज 18 / 01 / 22 को फोन से वार्तालाप करने पर बताया अब सम्पूर्ण ठीक है, एक अपनी कक्षा मे साथी लड़की को मित्र बनाया उससे दोस्ती हो गई, अच्छा लगता है । अब अच्छा लगता है अपने परिवार को आदर्श मानता है, शादी करने का मन करता, परंतु अभी सारा ध्यान पढ़ाई पर लगा रखा है । अब सब भ्रम दूर हो गए । एक दोस्त लड़की ने किस भी किया, महिला मित्र के सेल्फी फोटो अपने दोस्तो के साथ शेयर करता हूँ ।
जब 12 साल की आयु मे अपरिपक्व लड़का हस्त मैथुन करना शूर कर देगा और निरंतर जारी रखेगा तो शारीरिक और मानसिक समस्याओ का सामना करना पड़ता है, कुछ भ्रामक वेबसाईट लड़को को गलत रास्ते ले जाते है, उनके बारे मे भी जागरूकता फैलाने की आवशयकता है । छोटी आयु मे कोई गलत देखना, सुनना के करना के प्रभाव का जीवन पर गलत जीवन शैली का विकास होता है, गलत जीवन शैली की आसानी से सुधारा जा सकता है ।
सामाजिक संदेश - अपने बच्चो को भारतीय शास्त्र परंपरा का ब्रहमचर्य का ज्ञान देना आवशयक है । वीर्यवान बनो का आशीर्वाद देंना चाहिए, वीर्य संग्रह और रक्षा के बारे मे अवश्य बताना चाहिए, लड़को के निजी अंगो की रक्षा कैसे करनी की सलाह अवश्य देनी चाहिए ।
ऑनलाइन परामर्श दाता
वाट्स एप 091 98290 85951
प्रयोज्य के परामर्श लेने की दिनांक - 02 / 06 / 21
प्रयोज्य का नाम - गोपनियता के कारण 44092621
प्रयोज्य की आयु - 27 वर्ष
प्रयोज्य का व्यवसाय - खेती
प्रयोज्य की समस्या - समलैंगिक समस्या
निदान - प्रयोज्य को समलैंगिक समस्या थी, समान लड़को को देख आकर्षण होता था । महिलाओ मे कोई रुचि नहीं थी और कोई आकर्षण नहीं होता था । 13 वर्ष की आयु मे कक्षा 7 मे पढ़ता था, उस समय उससे पाँच वर्ष बड़ा दोस्त बलपूर्वक गुदा मैथुन किया, उसके बाद लड़को को देख कर गुदा मैथुन कराने का विचार आता है। एक ही लड़के के संपर्क मे आया । समलैंगिकता का ज्ञान इंटर नेट से पता चला । मैने हस्त मैथुन दोस्त से देख कर शुरू किया था । मन मे लगातार चिंता होती थी, की लोग मेरे बारे मे बाते करते होंगे, लोग मेरे बारे मे ही विचार करते होंगे । मेरे माता पिता का क्या होगा, बीबी कैसे रहेगी ।
निष्कर्ष - प्रयोज्य की बाते संदेह व्यक्त करती थी क्योकि प्रयोज्य ऑनलाइन परामर्श लेने से पहले मुझे से जिस प्रकार बात की तभी संदेह हो गया था, क्योकि प्रयोज्य मे सॉफ्ट वेयर की सहायता से आवाज बदल कर वार्तालाप की तो मैने पूछा आपकी आवाज बदली हुई क्यो है तो वो बोला मेरी आवाज पतली है। फिर ऑनलाइन परामर्श लेने के लिए आधा शुल्क जमा कराया और बोला मै गूंगा हु इसलिए आप मुझे फोन के एसएमएस जरिये चेटिंग करते ऑनलाइन परामर्श दीजिए, मैने साफ साफ मना कर दिया था आप आपका रुपया वापस लीजिए इस प्रकार की ऑनलाइन परमर्श मेरे वश का नहीं । उसके बार बार आग्रह के कारण मैने वाट्स एप पर sms कराने को बोला और उसमे एक शपथ देने को बोला था, ये शपथ भर के भेजो तो ही आपको sms किया जाएगा । उसको बार बार लिखता रहा आप मेरे साथ छल कपट कर रहे है, आपके एकाउंट नंबर दो और रुपया वापस लो । नहीं माने जाने पर एक शपथ निम्न लिखवाई -
मै vanktesh .........................इस बात की शपथ लेता हूँ की मेरे मोबाईल फोन नंबर 7570@@@@@0 ................के वाट्स एप नंबर एप पर ऑनलाइन परामर्श फोन की बजाय वाट्स एप चेटिंग की मांग मैने स्वयं [ खुद ] ने की, वाट्स एप चेटिंग से जो लाभ हानी होगी उसका मै स्वयं ज़िम्मेवार होऊंगा, भविष्य मे किसी प्रकार से धोखाधड़ी या भारतीय कानून, या संघीय / प्रांतीय कानून करवाही नहीं करूंगा, इस मामले मे समलैंगिक से विषमलैंगिक होने / बनाने के ऑनलाइन परामर्श दाता श्री रघुनाथ सिंह राणावत निर्दोष रहेंगे ।
वाट्स एप पर sms का सुझाव मेरा खुद का है, मै इस बात की शपथ लेता हूँ की मै जन्म से गूंगा हूँ । गूंगा होने के कारण मेरे स्वयं के प्रस्ताव से वाट्स एप नंबर पर SMS से ऑनलाइन काउन्सलिन्ग परामर्श ले रहा हूँ, इसमे कोई भी जोखिम का मै स्वयं भागीदार रहूँगा ।
निष्कर्ष - मुझे संदेह हो चुका था, क्योकि इसी नंबर से पूर्व मे बदली पतली आवाज मे मुझ से बात हुई थी, ये बात मैने उसको बताई की आप पहले बोलना जानते थे, अचानक गूंगे कैसे हुए, फिर भी बोला जन्म से गूंगा हूँ, और पूर्व फोन वार्तालाप जो की गई, उसकी काल रिकार्डिंग उसको भेजी तो प्रयोज्य ने बताया की मेरे फोन से मेरे दोस्त ने बात की थी । फोन सिम का लोकेशन उत्तर प्रदेश ऑनलाइन दिख रहा था, उसको पुछने पर बताया की वो नागपुर से बोल रहा है । इस प्रकार धोखा से परामर्श लेना चाहा जो उसका तरीका गलत था, दूसरे नंबर पर फोन करने पर रात्री मे फोन लगता पर फोन प्राप्ति उठा नहीं रहा था, इस प्रकार से तीन ऑनलाइन SMS परामर्श लिया, फिर उसको बार बार बोला आपके रुपए वापस लेलों परंतु रुपए वापस नहीं लिया । शायद अब उसने मुझे ब्लॉक कर दिया ।
सामाजिक संदेश - व्यक्ति को चेतना अवस्था मे रहना चाहिए, चतुर और चालक घोखेबाज अपने नाटकीय तरीको से छल कपट से ठग सकते है ।
ऑनलाइन परामर्श दाता
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प्रयोज्य के परामर्श की दिनांक - 22 / 02 / 21 [ अपडेट 08 / 09 / 21------- अपडेट 11 / 01 / 22 ]
प्रयोज्य का नाम - गोपनीय रखने के कारण 3803
प्रयोज्य की आयु - 20 वर्ष
प्रयोज्य की शिक्षा - 10 वी
प्रयोज्य का व्यवसाय - निजी नौकरी
प्रयोज्य की समस्या - समलैंगिक समस्या से छुटकारा पाना ।
निदान - प्रयोज्य निजी नौकरी करता उसको समलैंगिक आकर्षण की समस्या होती है, डर, चिंता होती और गुस्सा बहुत आता है । भीड़ भाड़ वाला स्थान अच्छा नहीं लगता, लगातार एक ही विचार आते है की लड़को से लिपटा रहु । समलैंगिक की प्रेरणा यूट्यूब से मिली लगातार यू ट्यूब देखता रहा । फिर एक जगह ईलाज कराया 5000 रुपया खर्च किया पर कोई लाभ नहीं मिला । कक्षा 8 मे पढ़ता था, उस समय 13 वर्ष की आयु थी उस समय हस्त मैथुन शुरू किया था । मन मे ये विचार आते की कई कोई कड़वी बात, बोल नही दे, जब बाहर निकलता तो ऐसा लगता की लोग मेरे बारे मे बाते करते होंगे । वीर्य की रक्षा करना, समय से पहले वीर्य खर्च नहीं करने का कोई ज्ञान नहीं था, हस्त मैथुन की आदत हो चुकी थी । प्रयोज्य जहा काम करता को एक निजी कालेज था उसमे पानी सप्लाई मोटर का संचालन करता था । आफिस मे 5 महिला कर्मी थी, उसमे से एक महिला अधिकारी के लिए घर से छाछ लाता था, बाकी महिला अधियाकरी से कभी बात नहीं होती । ( छोटी आयु मे इन्टरनेट से गलत संदेश, गलत शिक्षा भी मिलती है, इसके लिए नियंत्र भी आवशयक होना चाहिए । )
निष्कर्ष - प्रयोज्य मे ऑनलाईन परामर्श लेने से बहुत आराम मिला, परिवार मे बोलने का तरीका अच्छा सुधार हुआ, गुस्सा नियंत्रण मे आया, ऑनलाईन परामर्श के समय ही स्टाफ की चार महिलाए ने मुझे अपने आफिस मे बुलाया, फिर बैठा कर चाय पिलाई, पूछा तेरे मे एकदम बदलाव कैसे आया, क्योकि पहले उदास रहता और चिंता मे डूबा रहता था । एक दिन पुजा मेम [ पुजा नाम काल्पनिक है ] को मैने गिफ्ट दी तो पुजा मेम ने मुझे भी गिफ्ट दी, मेरे उनकी आंखे मे देखने पर पुजा मेम बोली मै तुझ से पटने वाली नहीं, मेरी शादी मेरे समाज मे ही होंगी, फिर मेरे दिशा निर्देश को उसको बता दिया था, तो पुजा मेम खुश हुई, पुजा मेम की शादी हो गई मै [ प्रयोज्य ] शादी मे भी गया । अब प्रयोज्य मुसकुराते अपनी निजी नौकरी करता है । मैने उसको बोला था की ओपन स्कूल से 12 कक्षा का प्रायवेट फार्म भरना और पढ़ाई करना, उस बात को मान कर अब 12 कक्षा मे पढ़ाई कर रहा है।
प्रयोज्य अब एक दम ठीक है, अब महिलाओ मे आकर्षण होता है, उसका कहना है की "मै अब होश हवास से कह सकता हूँ, अब ठीक हूँ"। अब भीड़ से भय नहीं लगता, अच्छा लगता है, कोई तखलिफ और परेशानी नहीं, अब शादी करने का मन करता है । उसके अंतिम कथन "ठीक हो सकते है, ये आदत बन जाती है, आदत सुधारी जा सकती है" अब ये आराम से मैदान मे खेल सकता है, पहले नहीं खेलता था । ( अपडेट - 08 / 09 / 21 बहुत अच्छा है, ऑनलाइन परामर्श का अहसान मानता है । [ अपडेट 11 / 01 /22 ]
सामाजिक संदेश - अपने बच्चो को बिना शिक्षा के अलावा स्मार्ट मोबाईल पर इन्टरनेट का उपयोग लेने नहीं देना चाहिए अन्यथा बच्चो के बिगड़ने के अवसर जायदा होता है ।
ऑनलाईन परामर्श दाता
What's app 091 98290 85951
प्रयोज्य के परामर्श की दिनांक - 19 / 01 / 21
प्रयोज्य का नाम - गोपनीय रखने के कारण 37190121
प्रयोज्य की आयु - 26 वर्ष
प्रयोज्य की वैवाहिक स्थिति - शादीशुदा
प्रयोज्य शिक्षा - अँग्रेजी माध्यम ग्रेजुएट
प्रयोज्य का व्यवसाय - प्रायवेत नौकरी
प्रयोज्य की समस्या - समलैंगिक से छुटकारा नहीं चाहता ।
निदान - प्रयोज्य कक्षा 7 वी मे पढ़ता था । उस समय आयु 13 / 14 वर्ष का था, उस समय 22 / 23 साल का लड़के मे बहला फुसला कर गुदा मैथुन कर दिया, अब बाध्यकारी एक जुनून की तरह गुदा मैथुन करना अच्छा लगता है, समलैंगिक अच्छे लगते परंतु सभी नहीं अपनी पसंद का समलैंगिक जो अच्छा लगता उसके साथ गुदा मैथुन करने की ईच्छा होती है । 2013 मे अपने आप फेसबुक से समलैंगिकता की जानकारी मिली, इन्टरनेट से समलैंगिक की विस्तृत जानकारी मिली थी, बचपन मे बड़ी बहिन के कपड़े मम्मी पहनाती थी । पूर्व मे दो मनोवैज्ञानिकों से परामर्श लिया था । शादी किए 14 महिना हुआ, पत्नी के साथ पहली बार मैथुन करने की कोशिश मे असफल हुआ, फिर डर बैठ गया । लोगो के बीच मे नहीं रहना चाहता, जल्दी निकालना चाहता हुआ, आत्म हत्या के विचार आते है । मम्मी पापा के लिए जीना चाहता हूँ । मम्मी पापा एक अलग कमरे मे सोते थे, एक दिन प्रयोज्य और उसकी बहिन, के साथ हमेशा सोते थे, एक रात्री मे पिता ने आरोप लगा दिया की भाई बहिन आपस मे मैथुन कर रहे हो, उसी दिन से पिता जी से नफरत हो गई । पिता शक की नजर से हमेशा देखते थे, 2004-2005 भाई बहिन के साथ का आरोप पिता जी ने लगा दिया था । प्रयोज्य ने मान लिया मुझे ठीक नहीं होना, उसका कहना था मुझे नहीं सुधरना, पत्नी के साथ एक बिस्तर पर सोता पर पत्नी से बात नहीं करता, ऑनलाईन उभयलिंग लड़को से बात करता था, घरेलू आवश्यकता के सामान खरीद लाता, पत्नी को बोला तुम जा सकती हो, साथ रहना चाहती तो मुझे आपत्ति नहीं है। उसका हमेशा एक ही वाक्य रहा मुझे समलैंगिक बने नहीं रहूँगा, समलैंगिक संबंध नहीं रखूँगा और पत्नी चाहे साथ रहे पर किसी भी प्रकार का मैथुन नहीं करूंगा ।
पारिवारिक निदान - प्रयोज्य के पिता अपनी जवानी मे राज्य मे पुलिस की नौकरी लगाने के बाद अपनी पत्नी को शहर लेकर आ गए, पत्नी सरकारी अध्यापिका की नौकरी लग गई, एक लड़की दो लड़के हो गए, फिर कभी अपने पैतृक गाँव नहीं गए, भाई चारा किसी से नहीं था, अपनी पुलिस की नौकरी होने के कारण समय नहीं मिलता, नौकरी और घर के अलावा कही भी आना जाना नहीं था, बच्चे जैसे बड़े होते गए अँग्रेजी स्कूल मे पढ़ते अपनी शिक्षा ली, बड़ी बहिन की शादी हो चुकी थी, प्रयोज्य ने भी शादी की, शादी के बाद ससुराल गया, पत्नी अपने वैचारिक आधार पर मन पसंद नहीं थी । बहन, बहनोई बड़े सुलझे दिमाग के थे, छोटा भाई भी संतुलित था, प्रयोज्य को पढ़ाई के लिए बाहर भेजा वहा किसी ने बहला फुसलाकर गुदा मैथुन किया उसकी लत लगी साथ, पिता के द्वारा हमेशा प्रताड़ित होना एक स्त्री संबंध मे अरुचि हो गई थी, पिता पुत्र मे आपस मे नहीं बनती थी, छोटा भाई बाहर नौकरी करता, घर मे चार लोग प्रयोज्य के पिता, माता, पत्नी और खुद, पर आपस मे किसी के तालमेल नहीं था, पिता पुलिस की नौकरी से रीडयार्ड हो गए थे, माता अध्यापिका जरूर थी परंतु सुबह का अभिवादन एक दूसरे को कोई नहीं करता था, पिता नौकरी से निवृत जरूर हुए परंतु स्वभाव से आज भी कडक पुलिस वाल हो जैसे रहते है, पदौसी घर पर आता तो प्रयोज्य पर गुदा मैथुन का शक करते है, प्रयोज्य की माता ने बताया की मेरे पति मुझे किसी दूसरे आदमी से साथ समान्य बात करते देखते तो शंका करते किससे बात करती क्यों बात करती । प्रयोज्य के पिता अपनी कमाई से घर चलाते, प्रयोज्य भी रसोई घर का समान ले आता । प्रयोज्य के पिता से पूछा की आप की पत्नी और बेटे की कमाई किसके पास रहती तो बोले अपने अपने पास, पत्नी रुपयो का क्या करती तो बोले मुझे नहीं मालूम। प्रयोज्य सब्जी पकाने मे कुशलता हासिल थी, कभी अपनी पसंद का खाना बना भी लेता, पत्नी के हाथ का खाना भी खाता, पत्नी प्रयोज्य के कपड़े भी धोती थी, पत्नी साथ रहे कोई आप्ति नहीं है। प्रयोज्य के पिता पुत्र वधू को उसके पीहर जाने देना नहीं चाहते, क्योकि दहेज का मुकदमा होने का डर रहता था। पिता बो बताया गया की आपका लड़का शारीरिक से घर पर है पर मानसिक तौर से ये खो गया है, जैसे मेले मे बालक अपने अभीभावक का हाथ छुडाकर अपने आंखो से देखि वस्तु के लिए भटक जाता और अभिभावक भी अपनी चेतना दूसरी जगह लगाई घूमते है, जब याद आता तो पता चलता मेरा पुत्र किधर खो गया, इस बात पर पिता ने बताया की मेरा पुत्र इसी प्रकार उसके बचपन मे हम किसी शादी मे नदी पार किसी गाँव मे जा रहे थे तो बारिश आ गई जल्दबाज़ी मे हम अपना बेटा भूल गए पति पत्नी एक दूसरे पर भरोषे रहे, जब चेतन अवस्था मे आए तो पता चला की पुत्र कहा है, नाव मे, बस मे या स्थानीय बाजार मे फिर ढूंढा तो किसी दुकानदार के पास बैठा बिस्कुट खा रहा था, पुत्र रो भी नहीं रहा था, अर्थात पिता पुत्र आज भी अचेतन अवस्था मे जी रहे है ।
निष्कर्ष - संयुक्त परिवार का अभाव था, पारिवारिक और सामाजिक रिश्तो मे आने जाने का अभाव था, प्रयोज्य को एक बाध्यात्मक जुनून हो चुका था, अब पिता का शक बहुत दुख देता था, पिता भी हठीला और जिद्दी हो चुका एक ही बात मेरे बेटे ने मेरी बेटी के साथ मैथुन किया, जब की बहिन भाई दोनों साथ मैथुन करने का साफ साफ इंकार करते ऐसे कुछ भी नहीं हुआ, ये बात प्रयोज्य को बड़ी दर्द भरी लगती है । एक मकान मे चार लोग रहते है, चारो किसी से भोजन के मतलब के अलाव कोई किसी से बात नहीं करता है। प्रयोज्य के इच्छा अनुसार मकान नहीं बना बताया, उसके ईच्छा के अनुसार डाईनिंग लगाने की बात मे सुधार करवाया, फिर बोला गमले मे कोई पनि नहीं पिलाता, तो उसकी भी निगरानी बताई, चारो लोग एक दुसरे को आपस मे सुबह का अभिवादन करना नहीं आता उसको बताया, प्रयोज्य के बहन बहनोई को बुलाकर सभी साथ साथ भौजन करना बताया, देव स्थान और पर्यटन स्थान घूमने के सुझाव मे स्वीकार किया, पर्यटन स्थान घूमने से पूरे परिवार मे रोचकता रही, नया अहसास हुआ । पर पिता पुत्र का अहंकार आपस मे मेल नहीं खाता, पिता पूर्व की बाते भूलने मे असमर्थ और पुत्र भी पूर्व की बाते भूलने मे असमर्थ, ये आपस मे बाध्यकारी दोनों का अहंकार प्रयोज्य को सुधरने नहीं दे रहा है, प्रयोज्य के पिता ने सामाजिक और सांस्कृतिक जवाबदारी नहीं निभाई । परिवार एक घर नहीं होकर होटल बन चुका है ।
अगर पति पत्नी को साथ रहना तो धेर्य की आवश्यकता है, पिता को पूर्व की बातों को भूलना होगा, पुत्र को खोया प्यार देना होगा, घर परिवार मे मेहमानो की ईज्ज्त करनी होगी, आने जाने वाले और घर के सदयों पर शंका करना बंद करना होगा, पारिवारिक परामर्श से परिवार मे धीमी गति से संचार हो रहा उसको बढ़ाने और गति देने की आवश्यकता है । प्रयोज्य को सांसारिक और सामाजिक नैतिक ज़िम्मेदारी सीखने की आवश्यकता है, ये सीखते ठीक हो सकता है, ईंटरनेट से भी दूर रखने की आवश्यकता है, घर मे समय पर सोए, हास्य विनोद की भी आवशयता है, परिवार मे घुल मिल कर वोल चाल के साथ सामाजिक आना जाना रहना जरूरी है ।
परामर्श दाता
What's app 091 98290 85951
प्रयोज्य को परामर्श की दिनांक - 28 / 12 / 20 [ वाट्स एप से अपडेट 07 / 01 / 2022 ]
प्रयोज्य का नाम - गोपनियता के कारण 35200
प्रयोज्य की आयु - 28 वर्ष
प्रयोज्य का काम - विदेश मे सफाई कर्मी
प्रयोज्य की समस्या - समलैंगिक से छुटकारा पाना चाहता था ।
निदान - प्रयोज्य 14 वर्ष की आयु मे गलत प्रेरणा के कारण हस्त मैथुन सीख गया, ये भारतीय नागरिक नहीं था, दुबई मे नौकरी करता था, 26 वर्ष की आयु मे पाकिस्तानी सहकर्मी ने शराब पिलाकर गुदा मैथुन कर दिया, प्रयोज्य शराब के नशे मे था, दोनों अलग अलग देश ने नागरिक थे, दोनों के एक ही कंपनी मे नौकरी होने के कारण से साथ रहते थे जिसके कारण समलैंगिक संबंध बन गए, फिर एक आदत बन गई थी, उसके बाद चिंता होती थी महिलाओ मे आकर्षण नहीं होता था, समलैंगिक मे आकर्षण होता, इसलिए शादी करने का मन नहीं होता था । बोलने मे दिक्कत होती, डर लगता था, एकांत अच्छा लगता था, एकांत मे ज्यादा बैठने का दिल करता था, क्या करूंगा, कैसे करूंगा, दूसरी जगह जाऊंगा तो डर लगता था। इंटरव्यू से डर लगता था। लोगो की भीड़ से डर लगता था ।
निष्कर्ष - प्रयोज्य को ऑनलाईन परामर्श लेने से आराम आने लगा, व्यक्ति ठीक हो चुका, गुदा मैथुन कराना बंद कर दिया, हस्त मैथुन करना कम किया, अब अच्छा महसूस करता है, महिलाए अब अच्छी लगती है, अब सभी आँख मे आँख दल कर बात कर सकता है, पहले इधर उधर देख कर बात करता था । अब शादी करने का मन करता है, आज 07 / 01 / 2022 को दुबई वार्तालाप करके ज्ञात हुआ, अब ठीक है, दूसरी कंपनी मे सर्विस करता है, कोरोना की वजह से अपने देश नहीं जा पा रहा है।
सामाजिक संदेश - विदेशो मे अगर कोई परिवार का सदस्य जाता है तो वासना से लिप्त व्यक्तियों के संपर्क मे नहीं आए अन्यथा एक गलत आदत मे लिप्त होने से व्यक्तित्व मे समलैंगिक समस्या से पीड़ित हो सकते है ।
ऑनलाइन परामर्श दाता
091 98290 85951
प्रयोज्य के परामर्श दिनांक 27 / 10 / 20
प्रयोज्य का नाम - गोपनीय रखने के कारण 28189 [ 0 8/ 0 9 /2021, ने बताया चार महिला मित्र बनाया, आराम से विषम लिंग की ज़िंदगी जी रहा है । ]
प्रयोज्य की आयु - 19 साल
प्रयोज्य की शिक्षा - BA दूसरा साल ।
प्रयोज्य का कार्यभार - विध्यार्थी ।
प्रयोज्य की वैवाहिक स्थिति - कुवारा ।
समस्या -- लड़की हूँ, लड़की हूँ, बाहर किसी को बताने की हिम्मत नहीं - समलैंगिक ।
नैदानिक - बाल यौन शौषण, जब14 वर्ष की आयु मे, 16 वर्ष का लड़का जिसको दोस्त मानता था, उसने प्रयोज्य के साथ गुदा मैथुन किया, नासमझ होने के कारण विरोध नहीं किया, ये समलैंगिक अभ्यास शुरू किया था । 8 लड़को से संपर्क मे रहा, आठ लड़के प्रयोज्य के साथ गुदा मैथुन करते थे । समलैंगिकता की लत लगी थी, इसमे रुचि होने से समलैंगिक व्यक्ति मे आकर्षण होता था । लड़की, स्त्री मे कोई रुचि नहीं रहती । 14 वर्ष की आयु मे हस्त मैथुन सीख लिया था, सारे दिन चिंता सताती थी, अपने आपको लड़की समझता था । गुस्सा आता, चिड़चिड़ा स्वभाव हो चुका था, फिर दो वर्ष पहले अपने माता पिता को समलैंगिक संबंध होने का बताया, घर वालों ने मनो चिकित्सक को दिखाया, दवाई खाने से चक्कर आते, बेहोशी रहती, आंखो पर नशा रहता था, मर्जी का मालिक समझता था। साल भर दवाई खाई पर कोई आराम नहीं मिला, फिर लिंग परिवर्तन के लिए दिल्ली दो बार गया तो सर्जन चिकित्सक बोले आयु कम है, अपने मातापिता को अभिभावक के रूप मे साथ लाओ, अन्यथा लिंग परिवर्तन नहीं होगा । तीसरी बार वापस लिंग परिवर्तन के लिए गया चिकित्सक बोला आप शादी करलों आपकी श्रीमति हस्ताक्षर कर देगी तो आपरेशन कर दूंगा, फिर अपनी पत्नी से तलाक ले लेना । थक हार के मै घर से भाग गया और पुलिस ठाने मे मुक़द्दमा दर हुआ, मेरी लोकेशन ट्रेक हो रही थी, पर मुझे मालूम नहीं था, फिर भी मै सच बोला पुलिस ने भी सच जाना, पिताजी ने आश्वाशन दिया तुम घर आ जाओ तुम जो कहोंगे वो करेंगे, तुम्हारा लिंग परिवर्तन कराएंगे। एक बार घर आ जाओ, मै घर आया, पिता बोले एक ऑनलाइन मनोवैज्ञानिक परामर्श दाता एक महीने में समलैंगिकता की आदत छुड़ा देते है, मैने कहा एक महीने मे मेरे विचार नहीं बदले तो आपको मेरा कहा मानना पड़ेगा । इस प्रकार से प्रयोज्य से संपर्क हुआ ।
प्रयोज्य के पिता ने ओंनलाईन परामर्श शुल्क जमा कराया था, आज 01 / 01 / 2022 प्रयोज्य के पिता से फोन से अपडेट हो कर ये अनुसंधान लिखा जा रहा है । प्रयोज्य से भी लगातार संपर्क मे हूँ, अब उसने चार महिला मित्र बना चुका है, आराम से अपनी बदली जीवन शैली से मस्त जी रहा है ।
निष्कर्ष - प्रयोज्य ऑनलाइन परामर्श लेने से एक दम ठीक है, समलैंगिकता की आदत छुट गई, विषम लैंगिक मे आकर्षण बढ़ गया, अब विषम लिंग मे आकर्षण होता है, समलैंगिक से घ्रणा होती है, पहले शादी करने का मन नहीं करता, परंतु अब शादी करने का मन करता है, पर अभी शादी योग्य आयु नहीं, पहले पढ़ाई भी पूर्ण करनी है । अब पूर्ण आत्म विश्वास होता है, चिंता, डर मिट गए । अब तबीयत अच्छी है, अब गुदा मैथुन कराने का मन नहीं करता । समलैंगिता का प्रचार नहीं होना चाहिए ।
सामाजिक संदेश - दो बाल किशोर को एकांत मे जाने नहीं देना चाहिए, सार्वजनिक खेलकुद मे बढ़ावा देना चाहिए, वीर्य रक्षा की शिक्षा देनी चाहिए। कोई समलैंगिक की बाते करे तो उसका विरोध करना सिखाना चाहिए ।
अनुसंधान कर्ता
091 98290 98951
कैसे हम आयु के किशोर अवस्था मे लैंगिक भटकाव होता है ?
परामर्श दिनांक - 03 / 10 / 2020 [ अपडेट 29 / 12 / 2021 ]
प्रयोज्य का नाम - गोपनीयता के कारण 26185 -- ।
प्रयोज्य की आयु - 20 वर्ष ।
कार्यभार - विधार्थी कक्षा द्वितीय वर्ष BA ।
वैवाहिक स्थिति - कुवारा ।
समस्या - समलैंगिकता से छुटकारा पाना चाहता है ।
आवश्यकता - पढ़ाई मे मन लगे और डिप्टी कलेक्टर बनने के लक्ष्य मे समलैंगिक बाधा को दूर करना ।
निदान -परामर्श के समय बताया की समलैंगिक आकर्षण से परेशान होता है । लड़की और महिला मे कोई रुचि और आकर्षण नहीं होता । जब 15 साल का था तब उससे पहले लड़कियो मे आकर्षण होता था, परंतु सहपाठी समान आयु एक दूसरे को किस करते, हमेशा साथ साथ रात्री मे सोते थे, आपस मे किस करते थे, उसी समय हस्त मैथुन करना सीख गए । दोस्तो के तीन बार गुदा मैथुन किया था । कक्षा 10 तक पढ़ाई मे मन लगता था, जब से दोस्तो के संपर्क आया पढ़ाई मे मन नहीं लगता । आत्म विश्वास कमजोर हो गया, शंका होने लगी की डिप्टी कलेक्टर की मेडिकल मे अयोग्य नहीं हो जाऊ । एक बार चिकित्सक के पास गया तो चिकित्सक बोले दुबले बहुत हो, प्रोटीन बाहर जा रहा है, ये बताया तो डर गया। दोस्तो के साथ सोने की ईच्छा रहती, गे से प्यार करने की ईच्छा । उसका दोस्त लड्की से प्यार करता था । प्रयोज्य हस्त मैथुन करते समय समलैंगिक की कल्पना करके हस्त मैथुन करता ।
निष्कर्ष - ऑनलाईन परामर्श का परिणाम अच्छा रहा, समलैंगिकता की मानसिकता हट गई । समलैंगिकता की आदत छुट गई, पढ़ाई मे मन लगने लगा । अभिभावक के ध्यान नहीं देने के कारण हम उम्र के लड़को के साथ मैथुन करने के गलत तरीको को अपना लिया, जिसके कारण समलैंगिकता की आदत पड़ गई, अगर प्रयोज्य को मैथुन करने को लड़की मिलती तो समलैंगिकता की लग नहीं लगती और सामान्य विषमलिंग से संभोग करने की सकारात्मक लत लग जाती । किशोर आयु मे वीर्य बनना प्राररंभ हो जाता है, इस समय ब्रहमचार्य की शिक्षा देने की आवश्यकता होती है ।
परामर्श दाता - ऑनलाइन 091 98290 85951
कैसे समलैंगिक उभयलिंगी से विषम लैंगिक बना ?
परामर्श दिनांक - 30 / 09 / 2019
प्रयोज्य का नाम - गोपनीय रखने के कारण 25184 _-
प्रयोज्य की आयु 31 वर्ष ।
कार्यभार -- बैंक मे नौकरी ।
वैवाहिक स्थती - शादी शुदा
समस्या - समलैंगिकता से छुटकारा ।
आवश्यकता - वैवाहिक जीवन अच्छा बीते और औलाद समलैंगिक नहीं बने ।
पारिवारिक स्थती - बाल अवस्था मे पिता की मृत्यु हो गई थी, एक विधवा माता, पत्नी और 9 महीने की एक बेटी ।
निदान - गोरी लड़कियो और गोरी स्त्रियो मे आकर्षण । शादी दो वर्ष पहले हो चुकी थी, 9 महीने की एक लड़की थी । झूठ बोला गया की कभी समलैंगिक संबंध स्थापित नहीं हुआ, गुदा मैथुन, मुख मैथुन नहीं किया । स्पर्श सुख, पैर छूना, अपने लिंग और गुदा छूना होता था । हस्त मैथुन 12 वर्ष की आयु मे .शुरू किया, वीडियो देखने से प्रेरणा मिली थी । चार-पाँच समलैंगिक व्यक्तियों के संपर्क मे आए । लगातार दो लड़को की याद आती थी । समलैंगिक शब्द ग्रेजुएशन के बाद सुना । गोरी स्त्री अच्छी लगती क्योकि उसकी पत्नी काली थी, ये बात परामर्श के अंत मे बताया था, परामर्श से ये फायदा हुआ की अब काली पत्नी सुंदर और अच्छी लगने लगी ।
ऑनलाईन परामर्श के अंत मे बताया की 8 से 10 लड़को से गुदा मैथुन करवाता था । मित्र मना करता तो भी मित्र को स्पर्श सुख के लिए स्पर्श करता था । शादी मे बाद समलैंगिकता संबंध नियंत्रण मे आया परंतु समलैंगिकता विचार निरंतर सताते थे । अपनी पत्नी से यौनि मैथुन करता तो भी समलैंगिक याद आते थे । अपनी स्त्री से संभोग के समय लिंग मे देरी से तनाव आने लगता था । सोने से पहले अपनी स्त्री से संभोग करता था और कभी कभी दिन मे भी संभोग करा लेता था । पत्नी संभोग के समय समलैंगिक की याद आती थी, सपने मे स्वप्नदोष लड़के के स्मरण के आते थे, स्वप्न दोष सप्ताह मे तीन बार हो जाता था । हस्त मैथुन करता तो भी लड़के के विचार करके करता था, लिंग मे ढीलापन लगता था ।
निष्कर्ष - परिणाम - प्रयोज्य बाल यौन शोषण से पीड़ित था, इसलिए समलैंगिकता की लत लग गई थी। प्रयोज्य की शादी हो चुकी थी, 9 महीने की बेटी थी, पत्नी काले रंग की थी, बैंक स्टाफ मे गोरी महिला होने से उनकी तरफ आकर्षण था, इसलिए अपनी पत्नी अच्छी नहीं लगती जिसके कारण पत्नी से मनमुटाव भी रहता, पत्नी से मनमुटाव के कारण पत्नी अपनी सासु से भी झगड़ा करती, पारिवारिक परामर्श देने से पत्नी सुंदर दिखने लगी और पत्नी मे आकर्षण होने लगा, माता और पत्नी से कैसे व्यवहार रखना का परामर्श दिया तो पारिवारिक झगड़े समाप्त हुए, घर मे अब शांति, प्रेम से रहने लगे। प्रयोज्य के समलैंगिकता की आदत छुट गई, दैनिक तनाव और चिंता मिट गई । अंत मे उसने बताया समलैंगिकता प्राकृतिक नहीं होकर एक थोपा गया शब्द है । प्रयोज्य अब सामान्य वैवाहिक जीवन जी रहा है /।
सामाजिक संदेश - वे किशोर लड़के जिनके अभिभावक नहीं होते या जिनके अभिभावक हो कर भी अपनी संतान को नकारात्मक गतिविधियो पर नियंत्रण नहीं होने के कारण गलत आदते पड़ती है, अपने किशोर बालको की शारीरिक क्रियात्मक घुड़ सवारी, वालीबाल, फुटबाल, हाँकी, और क्रिकेट जैसे खेल अवश्य देना चाहिए ।
ऑनलाईन परामर्श दाता -
वाट्स एप - 91 98290 85951
समलैंगिक और तनाव की दवाओ से छुटकारा मिला ।
परामर्श दिनांक - 20 / 09 / 20 [ अपडेट 27 / 12 / 21 फोन से वार्तालाप हुआ ] ।
प्रयोज्य का नाम - गोपनीय रखने के कारण 187 ।
पढ़ाई - 10 + 2 आईटीआई ।
वैवाहिक स्थती - सगाई हुई ।
समस्या - समलैंगिकता से छुटकारा ।
आवश्यकता - वैवाहिक जीवन मधुर रहे ।
निदान - महिलाओ से ज्यादा आकर्षण समलैंगिक मे होता है । शादी करने का मन करता है, सगाई हो गई । कक्षा 5 मे पढ़ता था, 10 से 12 वर्ष का था तब समान आयु के रिश्तेदार ने गुदा मैथुन किया । समान आयु के लोगो के साथ गुदा मैथुन करवाया और स्थानीय दो वर्ष बड़े लड़के भी थे और दोस्त के साथ सोते थे । कुछ साथियो की शादी हो गई कुछ कुंवारा है। स्कूल मे खेल कूद और बाहर के लोग अच्छे नहीं लगते थे । कक्षा 10+2 तक गाँव मे ही था, रात को नींद नहीं आती थी, दिन भर थकान लगती थी । 10 वर्ष गुदा मैथुन किया, एक दो बार मुख मैथुन किया । तनाव मे था, पढ़ाई नहीं कर पा रहा था, बार बार समलैंगिकता के विचार आते थे । दुखी रहने के कारण, माता के साथ डॉक्टर के पास गए, उनके काउन्सलर मे बताया ऐसे ही रहो, ब्लेड से हाथ काटे दो बार आत्म हत्या का प्रयास किया । भुवनेश्वर से चिकित्सक से 5000 रुपए की दवाई लाई चार महिना ईलाज चला,
1 - Cap - prodep bd
2 - Tab - nexito ls [clonozepam ]
3 - Tab - nexipride 50 mg -------------- चार महिना दवाई खाई था, तनाव दूर हुआ । लोक डाउन से तनाव कम हुआ ।
विचार कम आते पर विचार नहीं बदले । दवाईया छोड़ने पर नींद नहीं आती । चार समलैंगिक के संपर्क मे रहे । एक वर्ष पूर्व हैदरबाद नशे मे मुख मैथुन किया । घर वालो की मेरे समलैंगिक होने का पता नहीं था ।
निष्कर्ष - सफलता - अच्छी आहार चिकित्सा परामर्श दिया । दवाईया छुट गई, सामाजिक लोग बोलने लगे पहले कम बोलता था, अब अधिक बोलने लगा, 12 वर्ष बाद अच्छे हालात हुए, पहले लड़कियो जैसे विचार आते [ समलैंगिकता के विचार ] अब डर दूर हुआ और जोश आने लगा । 10 बजे नींद की दवाई खा कर सोता सुबह 7 सात बजे उठता, दवाईया बंद कारवाई, आयुर्वेदिक चूर्ण दिया, आराम से नींद आने लगी। जीवन शैली मे बदलाव आया । महिलाओ मे आकर्षण और रुचि बढ़ी, मार्च 2021 मे शादी हो गई, वैवाहिक संबंध अच्छे है, पत्नी से प्रेम करता है । आजीविका के लिए मेरे बताए आदर्श बच्चो को ट्यूशन कराता है । पारिवारिक और सामाजिक जीवन से अब संतुष्ट है ।
परामर्शदाता - 091 98290 85951