शनिवार, 1 जनवरी 2022

कैसे समलैंगिक अपने आपको लड़की समझता था ? ये भ्रम दूर हुआ और सामान्य होकर जीवन जी रहा है ।

प्रयोज्य के परामर्श दिनांक 27 / 10 / 20 

प्रयोज्य का नाम - गोपनीय रखने के कारण 28189 [ 0 8/ 0 9 /2021, ने बताया चार महिला मित्र बनाया, आराम से विषम लिंग की ज़िंदगी जी रहा है । ] 

प्रयोज्य की आयु - 19 साल 

प्रयोज्य की शिक्षा - BA  दूसरा साल । 

प्रयोज्य का कार्यभार -  विध्यार्थी । 

प्रयोज्य की वैवाहिक स्थिति - कुवारा । 

समस्या -- लड़की हूँ, लड़की हूँ, बाहर किसी को बताने की हिम्मत नहीं - समलैंगिक । 

नैदानिक - बाल यौन शौषण, जब14 वर्ष की आयु मे, 16 वर्ष का लड़का जिसको दोस्त मानता था, उसने प्रयोज्य के साथ गुदा मैथुन किया, नासमझ होने के कारण विरोध नहीं किया, ये समलैंगिक अभ्यास शुरू किया था । 8 लड़को से संपर्क मे रहा, आठ लड़के प्रयोज्य के साथ गुदा मैथुन करते थे । समलैंगिकता की लत लगी थी, इसमे रुचि होने से समलैंगिक व्यक्ति मे आकर्षण होता था । लड़की, स्त्री मे कोई रुचि नहीं रहती । 14 वर्ष की आयु मे हस्त मैथुन सीख लिया था, सारे दिन चिंता सताती थी, अपने आपको लड़की समझता था । गुस्सा आता, चिड़चिड़ा स्वभाव हो चुका था, फिर दो वर्ष पहले अपने माता पिता को समलैंगिक संबंध होने का बताया, घर वालों ने मनो चिकित्सक को दिखाया, दवाई खाने से चक्कर आते, बेहोशी रहती, आंखो पर नशा रहता था, मर्जी का मालिक समझता था। साल भर दवाई खाई पर कोई आराम नहीं मिला, फिर लिंग परिवर्तन के लिए दिल्ली दो बार गया तो सर्जन चिकित्सक बोले आयु कम है, अपने मातापिता को अभिभावक के रूप मे साथ लाओ, अन्यथा लिंग परिवर्तन नहीं होगा । तीसरी बार वापस लिंग परिवर्तन के लिए गया चिकित्सक बोला आप शादी करलों आपकी श्रीमति हस्ताक्षर कर देगी तो आपरेशन कर दूंगा, फिर अपनी पत्नी से तलाक ले लेना । थक हार के मै घर से भाग गया और पुलिस ठाने मे मुक़द्दमा दर हुआ, मेरी लोकेशन ट्रेक हो रही थी, पर मुझे मालूम नहीं था, फिर भी मै सच बोला पुलिस ने भी सच जाना, पिताजी ने आश्वाशन दिया तुम घर आ जाओ तुम जो कहोंगे वो करेंगे, तुम्हारा लिंग परिवर्तन कराएंगे। एक बार घर आ जाओ, मै घर आया, पिता बोले एक ऑनलाइन मनोवैज्ञानिक परामर्श दाता एक महीने में समलैंगिकता की आदत छुड़ा देते है, मैने कहा एक महीने मे मेरे विचार नहीं बदले तो आपको मेरा कहा मानना पड़ेगा । इस प्रकार से प्रयोज्य से संपर्क हुआ । 

प्रयोज्य के पिता ने ओंनलाईन परामर्श शुल्क जमा कराया था, आज 01 / 01 / 2022  प्रयोज्य के पिता से फोन से अपडेट हो कर ये अनुसंधान लिखा जा रहा है । प्रयोज्य से भी लगातार संपर्क मे हूँ, अब उसने चार महिला मित्र बना चुका है, आराम से अपनी बदली जीवन शैली से मस्त जी रहा है । 

निष्कर्ष - प्रयोज्य ऑनलाइन परामर्श लेने से एक दम ठीक है, समलैंगिकता की आदत छुट गई, विषम लैंगिक मे आकर्षण बढ़ गया, अब विषम लिंग मे आकर्षण होता है, समलैंगिक से घ्रणा होती है, पहले शादी करने का मन नहीं करता, परंतु अब शादी करने का मन करता है, पर अभी शादी योग्य आयु नहीं, पहले पढ़ाई भी पूर्ण करनी है । अब पूर्ण आत्म विश्वास होता है, चिंता, डर मिट गए । अब तबीयत अच्छी है, अब गुदा मैथुन कराने का मन नहीं करता । समलैंगिता का प्रचार नहीं होना चाहिए ।  

सामाजिक संदेश - दो बाल किशोर को एकांत मे जाने नहीं देना चाहिए, सार्वजनिक खेलकुद मे बढ़ावा देना चाहिए, वीर्य रक्षा की शिक्षा देनी चाहिए। कोई समलैंगिक की बाते करे तो उसका विरोध करना सिखाना चाहिए । 

अनुसंधान कर्ता 

091 98290 98951 

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

नैदानिक चिकित्सा के बारे में.अब भारतीयों को आसानी से सुलभ ऑनलाइन चिकित्सा शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पेशेवरों की यह स्वास्थ्य उपचार का उपयोग किया जा सकेगा जो कई रोगियों से समर्थन प्राप्त हुआ है..गोपनीय ऑनलाइन परामर्श --
आपको हमारा परामर्श गोपनीयता की गारंटी है.हमारा ब्लॉग्स्पॉट, विश्वसनीय, सुरक्षित, और निजी है.