बुधवार, 29 दिसंबर 2021

कैसे समलैंगिक से उभयलिंग फिर विषमलिंगी बना ?

 कैसे समलैंगिक उभयलिंगी से विषम लैंगिक बना ?

परामर्श दिनांक - 30 / 09 / 2019 

प्रयोज्य का नाम - गोपनीय रखने के कारण 25184 _-

प्रयोज्य की आयु 31 वर्ष । 

कार्यभार -- बैंक मे नौकरी । 

वैवाहिक स्थती - शादी शुदा 

समस्या - समलैंगिकता से छुटकारा । 

आवश्यकता - वैवाहिक जीवन अच्छा बीते और औलाद समलैंगिक नहीं बने । 

पारिवारिक स्थती - बाल अवस्था मे पिता की मृत्यु हो गई थी, एक विधवा माता, पत्नी और 9 महीने की एक बेटी । 

निदान - गोरी लड़कियो और गोरी स्त्रियो मे आकर्षण । शादी दो वर्ष पहले हो चुकी थी, 9 महीने की एक लड़की थी । झूठ बोला गया की कभी समलैंगिक संबंध स्थापित नहीं हुआ,  गुदा मैथुन, मुख मैथुन नहीं किया । स्पर्श सुख, पैर छूना, अपने लिंग और गुदा छूना होता था । हस्त मैथुन 12 वर्ष की आयु मे .शुरू किया, वीडियो देखने से प्रेरणा मिली थी । चार-पाँच समलैंगिक व्यक्तियों के संपर्क मे आए । लगातार दो लड़को की याद आती थी । समलैंगिक शब्द ग्रेजुएशन के बाद सुना । गोरी स्त्री अच्छी लगती क्योकि उसकी पत्नी काली थी, ये बात परामर्श के अंत मे बताया था, परामर्श से ये फायदा हुआ की अब काली पत्नी सुंदर और अच्छी लगने लगी । 

ऑनलाईन परामर्श के अंत मे बताया की 8 से 10 लड़को से गुदा मैथुन करवाता था । मित्र मना करता तो भी मित्र को स्पर्श सुख के लिए स्पर्श करता था । शादी मे बाद समलैंगिकता संबंध नियंत्रण मे आया परंतु समलैंगिकता विचार निरंतर सताते थे । अपनी पत्नी से यौनि मैथुन करता तो भी समलैंगिक याद आते थे । अपनी स्त्री से संभोग के समय लिंग मे देरी से तनाव आने लगता था । सोने से पहले अपनी स्त्री से संभोग करता था और कभी कभी दिन मे भी संभोग करा लेता था । पत्नी संभोग के समय समलैंगिक की याद आती थी, सपने मे स्वप्नदोष लड़के के स्मरण के आते थे, स्वप्न दोष सप्ताह मे तीन बार हो जाता था । हस्त मैथुन करता तो भी लड़के के विचार करके करता था, लिंग मे ढीलापन लगता था ।  

निष्कर्ष - परिणाम - प्रयोज्य बाल यौन शोषण से पीड़ित था, इसलिए समलैंगिकता की लत लग गई थी। प्रयोज्य की शादी हो चुकी थी, 9 महीने की बेटी थी, पत्नी काले रंग की थी, बैंक स्टाफ मे गोरी महिला होने से उनकी तरफ आकर्षण था, इसलिए अपनी पत्नी अच्छी नहीं लगती जिसके कारण पत्नी से मनमुटाव भी रहता, पत्नी से मनमुटाव के कारण पत्नी अपनी सासु से भी झगड़ा करती, पारिवारिक परामर्श देने से पत्नी सुंदर दिखने लगी और पत्नी मे आकर्षण होने लगा, माता और पत्नी से कैसे व्यवहार रखना का परामर्श दिया तो पारिवारिक झगड़े समाप्त हुए, घर मे अब शांति, प्रेम से रहने लगे। प्रयोज्य के समलैंगिकता की आदत छुट गई, दैनिक तनाव और चिंता मिट गई । अंत मे उसने बताया समलैंगिकता प्राकृतिक नहीं होकर एक थोपा गया शब्द है । प्रयोज्य अब सामान्य वैवाहिक जीवन जी रहा है /। 

सामाजिक संदेश - वे किशोर लड़के जिनके अभिभावक नहीं होते या जिनके अभिभावक हो कर भी अपनी संतान को नकारात्मक गतिविधियो पर नियंत्रण नहीं होने के कारण गलत आदते पड़ती है, अपने किशोर बालको की शारीरिक क्रियात्मक घुड़ सवारी, वालीबाल, फुटबाल, हाँकी, और क्रिकेट जैसे खेल अवश्य देना चाहिए । 

ऑनलाईन परामर्श दाता - 

वाट्स एप - 91 98290 85951 


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