मानों या नहीं मानो ?
बच्चा या व्यक्ति अपने हाथ के नाखून दांतो से कुतरते है ।
बच्चा या व्यक्ति अपना अंगूठा चूसने लगे तो ।
तंबाकू सेवन करे, शराब सेवन करें, लिंग विपरित कपड़े पहने अन्य लत हो तो मनोवैज्ञानिक समस्या माना जाता है ।
लेकिन बाल यौन शौषण पीड़ित को दूसरे समलैंगिक व्यक्ति का लिंग चूचने का आदि बनाया जाए तो ये अच्छी बात मानते है आधुनिक काल के डाक्टर और उनके स्वास्थ मंत्री इसको बड़े चाव से कहते ये मैथुन अभिविन्यास है ।
क्यों ऐसा कहते ?
समलैंगिक व्यक्ति बहला फुसला कर बालक / किशोर को मुख मैथुन करवा, गुदा मैथुन करना इसकी आदत लग जाती तो बस बोल दिया ये कोई बीमारी नहीं ये तो मैथुन अभिविन्यास है ।
मैं कहता हूं जो लोग इस प्रकार से प्राकृतिक मानते है, कृपया अपने पुत्रों जो किशोर है उन बच्चों पर प्रयोग सिद्ध कीजिए तो आपकी बात फिर हम सुनेगे और सच दुनियां भी जान जाएगी की मैथुन अभिविन्यास प्राकृतिक होता है ?
वापस प्रयोग करना चाहिए, तो ही पता चलेगा ।
बहला फुसलाकर कर समलैंगिक बाध्य जुनून कैसे बनाते और क्यों ?
इसका अध्ययन अनुसंधान होना चाहिए ।।
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