सोमवार, 17 जनवरी 2022

कैसे कक्षा 7-8 वी मे पढ़ता लड़का समलैंगिक बना ?

प्रयोज्य के परामर्श की दिनांक - 29 / 05 / 21 [ अपडेट 16 / 01 / 22 फोन से ] 

प्रयोज्य का नाम - गोपनीय रखने के कारण 430821 

प्रयोज्य की आयु - 28 वर्ष 

प्रयोज्य की शिक्षा - BA - LLB प्रथम वर्ष [ अपडेट के समय दूसरा वर्ष ] 

प्रयोज्य की वैवाहिक स्थिति - कुवारा 

प्रयोज्य की समस्या - सक्रिय समलैंगिक समस्या 

निदान - प्रयोज्य को समलैंगिक आकर्षण अधिक होता और लड़कियो मे कम आकर्षण होता है। समस्या तब हुई एक दिन एक मित्र ने बोला तुम गे है और लेता है, जब की प्रयोज्य सक्रिय समलैंगिक था [ रोमांटिक रिश्ते में वे साथी पर हावी होते हैं और एक आदमी की भूमिका निभाते हैं ] । समलैंगिकता की आदत कक्षा 8 मे पढ़ता था उस समय उसकी आयु 13 वर्ष थी तब उसके साथी लड़को के साथ आपस मे लिंग पकड़ने की आदत शुरू हुई, फिर अपने साथी लड़के के साथ गुदा मैथुन किया था । फिर ये आदत लग गई थी और निरंतर 25 लोगो के संपर्क मे सक्रिय समलैंगिक संबंध बनाए अर्थात गुदा मैथुन करने की आदत बन गई थी । अब समाज मे आने जाने पर चिंता, तनाव और डर लगता था । एकांत मे रहने के विचार आते थे और हर समय लड़को का ही विचार आते थे । जब कक्षा 10 मे पढ़ता था तो पड़ोसी चाचा के गुदा मैथुन किया था, फिर एक आदत हो चुकी थी और समलैंगिक निष्क्रिय चाचा को गुदा मैथुन कराने की जो एक लत थी, ये रोमांस बहुत साल चाचा के साथ चला। एक प्रयोज्य से दो साल बड़ा 17 के लड़के के घर जाकर बार बार उसके गुदा मैथुन किया । कक्षा 8-9 से हस्त मैथुन करने की भी आदत हो चुकी थी, रोज एक बार हस्त मैथुन करने की आदत लग चुकी थी । एक दोस्त कभी कभी प्रयोज्य के घर आ जाता बाहर कमरे मे समलैंगिक संबंध हो जाते थे । जब चिंता तनाव होने लगा तो 2018 से हस्त मैथुन बंद किया, पर गुदा मैथुन करना सक्रिय था।  पहले 7 दिन का परामर्श लिया तब ऐसा लगा की ये आदत नहीं छूटेगी और लड़को के संपर्क मे निरंतर रहा । 

निष्कर्ष - प्रयोज्य कामुक प्रवृति का था और सक्रिय समलैंगिक था। अर्थात वीर्य उत्पन की प्रचुरता थी । प्रयोज्य को जब निष्क्रिय समलैंगिक मिल जाते तो हस्त मैथुन नहीं करता । प्रयोज्य की तबीयत अब ठीक है, अब लड़कियो मे आकर्षण होता है , प्रयोज्य को एक लड़की शादी के लिए उसका फ़ोटो आया तो मुझे भी बताया पर मेरी राय देना उच्छित नहीं समझा, क्योकि ये पारिवारिक मामला था, फिर दूसरी लड़की की शादी के लिए प्रस्तावित फ़ोटो आया तो मुझे बताया की वो लड़की 8 साल प्रयोज्य से छोटी थी, प्रयोज्य दोनों बार मेरी राय लेना चाहता था, मै सामाजिक और पारिवारिक सदस्य नहीं था, इसलिए उसे बोला, अब बड़े हो खुद फ़ैसला करो और अपने परिवार की राय लो । दोनों लडकी सुंदर थी पर आखिरी फ़ैसला घर परिवार का ही उपयुक्त रहता है । समलैंगिक अब बुरे लगने लगे । बाकी सब ठीक है पर घबराहट की बात बोला था जो एक अतार्किक था, क्योकि पहले कुछ दोस्तो ने ताना मारा दिया था, पर अब ठीक है । प्रयोज्य अपनी वकालत की पढ़ाई मे ध्यान दे रहा है, परिवार वो कोई वाद विवाद होता वो सब अब समान्य हो चुका है । प्रयोज्य के पिता मे दुबारा शादी कर ली थी, प्रयोज्य अपने दो बड़े भाई के साथ रहता था । 

सामाजिक संदेश - दो किशोर लड़को को एकांत मे कभी नहीं रहने देना चाहिए, अपने बच्चो को अपने समाज की जानकारी और परिवार के भूतपूर्व सदस्यो का ज्ञान कराना चाहिए, अगर समाज और परिवार का ज्ञान नहीं होगा तो लड़के का पारिवारिक, सामाजिक, और संस्कृतिक ज्ञान नहीं होने से शौषण हो सकता है, दूसरा अपने निजी अंगो की जानकारी देना जरूरी होता है, बच्चे के निजी अंग को कोई भी व्यक्ति हाथ नहीं लगाए, जैसे होठ, लिंग, यौनि, और गुदा के साथ कोई खिलवाड़ नहीं करे ।  

ऑनलाइन परामर्श दाता 

व्हाट्स एप 091 98290 85951 




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