रविवार, 28 जून 2020

मुखमैथुन समलैंगिकता का ईलाज होता है ।

कैसे समलैंगिकता का ईलाज हुआ है ।

समलैंगिकता >>> किस प्रकार मुखमैथुन से समलैंगिक ने मुक्ति पाई ? 
 
1.  मैथुन अभिप्रेरणा ओर निष्पादन [ Sex Motivation and Performance ]

          शोधकर्ता  डाक्टर रघुनाथ सिंह राणावत

                        Dietitian & psychologist

          माता आयुर्वेदिक दवाखाना, सापोल, राजसमंद, राजस्थान ।

2. प्रयोज्य परिचय –

प्रयोज्य का नाम - 149 

यौन – पुरुष

आयु – 20 

भार / वजन  - 100 किलो  

शिक्षा - BA प्रथम वर्ष खुला विश्वविधालय से  [ प्रयोज्य का नाम गोपनीय रखा गया है । ]

सपने - IPS, UPS, APS 

3॰ समस्या परिचय 
प्रयोज्य 8 वर्ष पूर्व मे 12 वर्ष की आयु का था तब मौसी के लड़के जिसकी आयु 15 वर्ष थी उसने अपने लिंग से मुखमैथुन करना सीखा दिया था । 8 वर्ष से इस मुखमैथुन की समस्या से पीड़ित था, स्कूल के साथियो से मानसिक लगाव हमेशा रहता था उनके शरीर पर हाथ घुमाना अच्छा लगता था । दो तीन बार उसके पिता का लिंग भी पकड़ लिया था, इतना बेशर्म हो चुका था, जिस पर मैने पूछा वाकई हरकत अच्छी नही थी, तब उसने बताया की फिर मुझे अपने आप पर घृणा आने लगी । मुखमैथुन के इस क्रम को लगातार करता रहा, अनगिनत कई बार मुखमैथुन के समय उनका पेशाब और वीर्य भी पीया । माता पिता की ये एकलौती संतान था, पिता व्यवसायी है, माता ग्रहणी बताई । मैने  उससे पूछा  के ये मुख मैथुन कब कहा करते तो उसने ये बताया की एक एप ..........{ एप गोपनीय रखता हूँ } से अपने निकटतम साथ समलैंगिक का पता लग जाता है, मैने पूछा ये प्रयोग कहा करते हो तब उसने कहा मम्मी जब भक्ति भाव से गुरुजी के पास जाती तब समलैंगिक को घर बुलाकर मुखमैथुन कर लेता था। कभी कभी ये भी अपनी माता के साथ प्रवचन सुनने जाता था, नित्य पुजा पाठ भी करता था पर मन अस्थिर हो जाता था । ये बिलकुल बेशर्म हो चुका था । स्कूल मे ये हरकत होती रहती थी । स्थायी कोई दोस्त नही था । घर मे माता से अक्सर लड़ाई होती थी । स्त्री स्मरण कभी चाहत नहीं होती थी, पुरुष से चाहत होने पर उत्तेजना आती थी । 
मेरा वीडियो देखने के बाद उसको असामान्य से सामान्य बनने की चाह के कारण परामर्श के लिए समपर्क किया । 


4॰ समस्या समाधान 
प्रयोज्य को परामर्श शुरू किया जिसमे संतुलित आहर का डाइट चार्ट दिया क्योकि इसका 100 किलो वजन था, अब 60 किलो वजन का लक्ष्य मैने बताया तो उसने 80 किलो वजन की चाहत रखी । 15 दिन मे वजन 7 किलो कर कर दिया था । पहले दिन के परामर्श से काफी सुधार हुआ, माता से झगड़ा करना बंद कर दिया, पहले घरेलू काम मे मन नहीं करता पर अब आसानी से माता के रसोई काम या घरेलू काम कर लेता, माता भी खुश होती, और अब माता खुश रहती, माता से लड़ाई नहीं होती । घर का वातावरण अच्छा हो गया, कोचिंग सेंटर मे लड़कियो से आसानी से बात कर लेता है, लड़कियो पहले आँख नहीं मिला सकता था पर अब हंसी मज़ाक भी कर लेता है। साथी लड़किया अच्छी लगती है। अब मन हल्का हो गया, मुख मैथुन से छुटकारा मिल गया अब कालेज वाली अच्छी ज़िंदगी की चाहत बढ़ गई । इस प्रकार से मुख मैथुन की समस्या हल हो गई, मानसिक तनाव मिट गया, पढ़ाई मे अब मन लगता है, पहले शादी करने का मन नहीं होता था, पर ऑनलाईन परामर्श के कारण माता के सपने शादी के प्रस्ताव अब स्वीकार कर लिया । अच्छे नए दोस्त भी बनाना शुरू कर दिया । 

5॰ निष्कर्ष - दिशा बदलने से प्रयोज्य की दशा बदल गई, नजर बदलने से नजारे बदल गए । 





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