शुक्रवार, 24 दिसंबर 2021

कैसे समलैंगिकता का आकर्षण से छुटकारा मिला ?

फिल्मी हीरो को देख उसको किस करने का विचार आता था । 
प्रयोज्य का नाम गोपनीय रखने के कारण 168 माना । 
आयु - 17 वर्ष 
कक्षा - 12 
परामर्श दिनांक 19 / 06 / 20 
अपडेट - 24 / 12 /21 प्रयोज्य को समस्या हल हो चुकी और आगे निरंतर अपनी पढ़ाई कर रहा है । 

पारिवारिक पृष्ट भूमि - माता सरकारी अध्यापिका पिता किसान और ठेकेदार, एकलौती संतान परिवार मे पिता अपने गाँव रहते, माता अध्यापिका होने से अन्य गाँव मे रहती साथ नानी भी रहती थी, इकलौता होने के कारण प्यार से रहता था। 

समस्या - फिल्मी हीरो को किस करने का मन करता था । यूट्यूब पर समलैंगिकता का वीडियो ज्यादा देखता था । मम्मी और नानानी से झगड़ा बहुत होता था । 

नैदानिक - कक्षा 6 मे पढ़ता तब हस्त मैथुन करना शुरू कर दिया था, सप्ताह मे दो बार हस्त मैथुन करता था। कक्षा 9 मे पढ़ता तब  रंग रूप से गोरा था, सुंदर दिखने की वजह से दोस्त कहते की लड़की जैसा दिखता है । पढ़ाई के दौरान साथ लड़के स्तन दबा देते तब विरोध नहीं कर पाया था । 
जीवन शैली मे बदलाव आया की घर मे चिड़चिडापन होने लगा, माता और माता की माता [ नानी ] से छोटी छोटी बात पर गुस्सा होता था । गलतिया ढूँढने की आदत हो चुकी, समलैंगिकता के वीडियो बहुत देखता था । "शुभ मंगल सावधान'' फिल्म से प्रभावित होने लगा और विचार करने लगा की समलैंगिकता को सोसाईटी मे मान्य-अमान्य के विचार बहुत आते थे । कक्षा 8 मे पढ़ता तब तक सामान्य विचारा आते थे । समलैंगिक संबंध नहीं बनाए और मोटे ताजे व्यक्ति के भुजा मे लाल धागे बांधे स्थान पर नजर हमेशा ठहरती थी । 

निष्कर्ष - प्रयोज्य पढ़ाई अंग्रेजी माध्यम से करता था, पढ़ाई मे होशियार और जिज्ञासु था, आठ परामर्श दिवसों मे केवल अनेक विचारो के सवाल थे,  जिज्ञासु होना और पारिवारिक और सामाजिक समझ नहीं होना पाया गया, पिता से डर पर पिता हमेशा साथ नहीं होते थे, इसलिए मनमाना विचार पर कोई नियंत्रण और सुझाव नहीं था । 
ऑनलाइन परामर्श लेने से उसके सभी सवालो के जवाब मिल गए प्रयोज्य खुश हुआ । 

फीस की व्यवस्था - ये कमाता नहीं, इसको अपने आपने अच्छी प्रेरणा लेने की सूझी, नकारात्मक विचारो को छोड़ना चाहता था, इसलिए अपनी माता से आग्रह किया और पहले माता इंकार होती रही, पर इन दौरान शुशान्त सिंह राजपूत फिल्मी हीरो आत्म हत्या कर चुका था तो ये बात माता को पता था, फिर माता ने ऑनलाइन परामर्श शुल्क दिया, उसमे भी प्रयोज्य ने चतुराई दिखाई और मुझ से झूठ बोल छुट ले ली । 

संदेश - अपने बच्चो को स्मार्ट फोन और इन्टरनेट से अत्यधिक समय बिताने नहीं दे और अपने बच्चो को पारिवारिक और सामाजिक सांस्कृतिक  भौतिक ज्ञान अवश्य दे । नकारात्मक विचारो पर रोक टॉक अवश्य होनी चाहिए, एक गंदी मछली पूरे तालाब को गंदा कर देती वैसे ही एक गंदा विचार सभी अच्छे विचारो को गंदा कर देते है । 
वाट्स एप - 91 98290 85951 

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